मध्य प्रदेश में बाल दिवस का जश्न मनाने को सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों को दिए 100 रुपए

अब ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया.

अब ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया.

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yogesh bhadauriya
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प्रतीकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

देश की राजनीति का आलम यह हो गया है कि हर विशेष मौकों पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने आ जाते हैं और जिसमें मजाक जनता का बनता है. अब ताजा मामला मध्य प्रदेश का है जहां 15 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया. पार्टी ने जिसके लिए कई आयोजन किए और बड़ी-बड़ी बातें की गई लेकिन उन्हीं बच्चों के नाम पर आंगनबाड़ी केन्द्रों को जश्न मनाने के लिए 100 रुपये दिए.

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महिला बाल विकास विभाग की तरफ से जो आदेश जारी हुआ उसमें कहा गया कि 14 नवंबर को प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र पर बाल दिवस का आयोजन करते हुए बाल सभा, रैली, खेल, मास्टर क्लीन, मास्टर हेल्दी, क्विज आदि का आयोजन हो जिसके आयोजन के हेतु प्रति आंगनवाड़ी केन्द्र 100 रुपये प्रति परियोजना के मान से व्यय करने की अनुमति दी जाती है.

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सरकारी आदेश के बाद राज्यभर के कई आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चे तैयार होकर आए, संचालकों ने बच्चों के लिए पेटिंग, कुर्सी दौड़, मिट्टी के खिलौने बनाने जैसी प्रतियोगिताएं कराईं. इनाम भी दिया. लेकिन आगर-मालवा में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रुखसार का मानना है कि इस राशि को कम के कम 300 रुपये कर दिया जाता तो आयोजन बेहतर तरीके से हो सकता था. वहीं सविता वर्मा का कहना था कि सरकारी राशि में कुछ अपनी रकम मिलाकर वे लोग बच्चों के लिए इंतज़ाम कर लेते हैं.

सरकार ने ये भी निर्देश दिया कि 100 में से 50 रुपये खर्च कर बाल रंग मेला आयोजित किया जाए, और बाकी के 50 रुपये दूसरी गतिविधियों के लिए. सत्तारूढ़ दल को इस रकम से ऐतराज नहीं, वहीं विपक्ष को यह मजाक लग रहा है. बीजेपी प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि ''सरकार छोटे-छोटे बच्चों की भी बेइज्जती कर रही है. सौ रुपये में कहते हो आंगनवाड़ी में उत्सव हो जाए, ये कैसे संभव है. आज चाचा नेहरू का युग नहीं है, 2020 है जिसमें 100 रुपये में गोली-बिस्कुट भी नहीं मिलता. हमें लगता है सरकार के मंत्रियों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए जो बच्चों के उत्सव के लिए भी पैसे की व्यवस्था नहीं कर सकते.''

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर ने बीजेपी के वक्त की याद दिलाते हुए कहा ''बीजेपी सरकार में बाल दिवस में 50 रुपये देते थे, हमारी नीति और नीयत कम से कम साफ है, हमने इस रकम को दोगुना किया है.''

Source : News Nation Bureau

congress MP Kamalnath Sarkar
      
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