मध्यप्रदेश विधानसभा में पूर्ववर्ती शिवराज सरकार के कार्यकाल के दौरान नर्मदा कछार में पौधे रोपने का रिकार्ड बनाए जाने का मामला बुधवार को विधानसभा में एक बार फिर गूंजा. सरकार ने पौधरोपण पर 499 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का खुलासा करते हुए विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति के निर्देश पर चार मंत्रियों से जांच कराने का फैसला लिया.
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कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए नर्मदा कछार में दो जुलाई, 2017 को एक दिन में सात करोड़ 10 लाख से ज्यादा पौधों के रोपण का मामला उठाते हुए कहा कि पिछले दिनों राज्य के वन मंत्री उमंग सिंघार ने बैतूल जिले के जंगलों का जायजा लिया तो पता चला कि जहां 15 हजार 526 पौधे रोपे गए थे, वहां मात्र 15 प्रतिशत (दो से तीन हजार) पौधे ही जीवित पाए गए और गड्ढे महज 9000 मिले थे.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब देते हुए वित्तमंत्री तरुण भनोट ने कहा कि 2 जुलाई, 2017 को 7,10,39711 पौधे रोपे गए थे और वर्ल्ड रिकार्ड का दावा किया गया था. जब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के चार्टर्ड अकाउंटेंट ने सत्यापन कराया तो 5540 स्थानों पर कुल 2,22,28954 पौधे पाए. इस आयोजन पर विभिन्न विभागों ने 499 करोड़ रुपये खर्च किए और प्रचार प्रसार पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए.
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पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में पौधरोपण का कीर्तिमान बनाए जाने का दावा किया गया था. वहीं मौजूदा सरकार का कहना है कि कोई रिकार्ड बना ही नहीं. विधानसभा में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पूर्ववर्ती सरकार के इस कार्यक्रम को जनोपयोगी बताया और कहा कि किसी को कटघरे में खड़ा करना ठीक नहीं. सरकार चाहे जितने मिंत्रयों से जांच कराए. विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने इस मामले की जांच का सुझाव दिया तो वित्तमंत्री भनोट ने कहा कि संबंधित चार विभागों के मंत्री इस मामले की जांच करेंगे.
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