ई-टेंडरिंग घोटाला मामले में निजी सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी पर पुलिस की विशेष आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के कार्रवाई के बाद पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का पहला बयान सामने आया है. इस कार्रवाई को लेकर पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि कोई भी सबूत हो तो कार्रवाई करके दिखाएं, छोटी-छोटी मछलियों पर कार्रवाई की जा रही है.
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ई-टेंडरिंग घोटाले पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ई टेंडरों का निर्णय करती है. एक भी ई-टेंडर ऐसा बताएं, जिसमें टेंपरिंग के बाद में काम हुआ हो. जिन टेंडरों में भी टेंपरिंग हुई, उन्हें हमने ही निरस्त कर जांच शुरू कराई. कमलनाथ सरकार ने तो दूसरी कंपनियों को ही ठेके दे दिए हैं.'
बता दें कि इससे पहले पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सचिव वीरेंद्र पांडे और निर्मल अवस्थी को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया है. वहीं ईओडब्ल्यू ने वीरेंद्र पांडे के घर पर छापा भी मारा है. वीरेंद्र पांडे के घर से ईओडब्ल्यू टीम कई दस्तावेज लेकर गई है. छापेमारी के दौरान EOW टीम फाइलें और ट्रॉफी के साथ-साथ प्रिंटर भी लेकर गई. माना जा रहा है कि वीरेंद्र पांडे के बाद अब निर्मल अवस्थी के ठिकानों पर भी छापे पड़ सकते हैं. इसके अलावा इस घोटाले में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा से पूछताछ भी हो सकती है.
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सूत्रों के मुकाबिक, शिवराज सरकार में ई-टेंडरिंग में करीब 3000 करोड़ से ज्यादा के घोटाले की आंशका है. मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी. ईओडब्ल्यू ने कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉस टीम (सीईआरटी) की मदद ली, जिसकी रिपोर्ट में यह बात सामने आई की ई-टेंडरिंग में छेड़छाड़ हुई. इसी रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने 5 विभागों, 7 कंपनियों और अज्ञात अधिकारियों और राजनेताओं के खिलाफ इसी साल जून में केस दर्ज किया था.
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