मध्यप्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने केंद्र की राजनीति में घुसने की किसी भी संभावना को सिरे से ख़ारिज़ कर दिया है. इस बारे में शिवराज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 'मैं मध्यप्रदेश में पैदा हुआ और यहीं मरूंगा.' उन्होंने ये भी कहा, 'जनता के लिए जिऊंगा जनता के लिए मरूंगा, किसलिए राजनीति से संन्यास लूंगा. अर्थी पर जब तक नहीं जाऊंगा तब तक जनता की सेवा करूंगा, मेरा आदि, मध्य और अंत मध्यप्रदेश है. आजीवन मध्यप्रदेश की जनता की सेवा करूंगा. कभी केंद्र की राजनीति में नहीं जाऊंगा.' उन्होंने ये भी बताया कि इसी महीने आभार यात्रा भी निकाली जाएगी.'
गौरतलब है कि बीजेपी में शिवराज ऐसा लोकप्रिय चेहरा है जिसपर जनता काफी भरोसा करती है. नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले शिवराज सिंह को भी बीजेपी की तरफ से पीएम उम्मीदवार माना जा रहा था. ऐसे में मध्यप्रदेश से बीजेपी के सफाये के बाद एक बार फिर से राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज़ हो गई कि शिवराज कहीं केंद्र की राजनीति में आने पर विचार तो नहीं कर रहे.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से मिली शिकस्त के बाद 15 सालों से सत्ता पर काबिज शिवराज सिंह चौहान को अपनी कुर्सी से धोना पड़ा है. नतीजों के बाद शिवराज ने सीएम पद से अपना इस्तीफ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को सौंप दिया था.
इस्तीफा देने के बाद बुधवार को शिवराज ने प्रेस कांफ्रेस आयोजित किया था. इस दौरान उन्होंने भावुक होते हुए कहा था कि हमें अपेक्षित कामयाबी नहीं मिली और बीजेपी की इस हार की पूरी जिम्मेदारी मेरी है. केंद्रीय नेतृत्व का में धन्यवाद करता हूं.
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बता दें कि बीजेपी ने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 109 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि कांग्रेस 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इसके साथ ही चार सीटें निर्दलियों ने जीती हैं जबकि बसपा ने दो और सपा ने एक सीट जीती है.
राज्य में 230 विधानसभा सीटें है और बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत है. इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया.
Source : News Nation Bureau