भोपाल में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के विरोध में राजधानी के इकबाल मैदान में धरना-प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो लोग भारत के संविधान को मानते हैं, वे इस काले कानून को कभी भी लागू नहीं होने देंगे. केंद्र सरकार ने अभी सिर्फ अपने पेड़ की पत्तियां ही दिखाई हैं. असली तने की कहानी अभी बाकी है.
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये लोग अंग्रेजों की फूट डालो राज करो की नीति पर देश पर राज करना चाहते हैं. इसके मूल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की. इस विचारधारा ने बाबा साहेब आंबेडकर के संबिधान को जलाया था. इस विचारधारा ने 1962 में भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान किया था. ये लोग देश में हिंदू, मुसलमान, सिख और ईसाई को अलग करना चाहते हैं.
इस दौरान दिल्ली में जामिया मीलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के खिलाफ कार्रवाई का विरोध किया गया. कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और इमरान प्रतापगढ़ी भी पहुंचे. इकबाल मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे.
मसूद ने दी थी धमकी- एनआरसी लागू हुआ तो विधायकी छोड़ दूंगा
एनआरसी कानून लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद प्रदेश के कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने धमकी दी थी कि यदि उनकी सरकार प्रदेश में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून (सीएबी) लागू करेगी तो वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा था कि 'मैं अपने नेता से स्पष्ट कहूंगा कि ममता बनर्जी ने जिस तरह से साहस दिखाया है, हमारी सरकार भी वह करके दिखाए और नागरिकता संशोधन कानून तथा एनआरसी को खारिज करे.
Source : News Nation Bureau