मध्य प्रदेश के दमोह में एक अमानवीय प्रथा सामने आई है. यहां के आदिवासी बहुल इलाके जबेरा ब्लॉक के बनिया गांव में बच्चियों को बिना कपड़ों के इसलिए घुमाया गया क्योंकि अच्छी बारिश नहीं हो रही थी. अच्छी बारिश के लिए बच्चियों के कंधे पर मूसल रखकर गांव की गलियों में घुमाया गया. यह एक तरह का टोटका है. जिसे यहां के लोग करते आए हैं. राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने मामले में दमोह के कलेक्टर को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है. वहीं पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच करने की बात कही है.
अच्छी बारिश के लिए यहां के लोगों ने बच्चियों को बिना कपड़ों के रखा. इसके बाद मेढकी बंधा मूसल दिया गया. नग्न अवस्था में बच्चिया हाथों में मूसल लेकर आगे-आगे चल रही थी. इनके पीछे-पीछे महिलाएं भजन गाती जा रही थी. बच्चियों को पूरे गांव में घूमाते हुए महिलाएं खेर माता मंदिर पहुंची. यहां पर प्रतिमा की पूजा करने के बाद महिलाएं उपर गोबर लगा देती है.
'इस प्रथा के करने से होती है अच्छी बारिश'
इस अमानवीय प्रथा में शामिल महिलाओं का कहना है कि इससे इतनी अच्छी बारिश होती है कि माता की प्रतिमा पर लगा गोबर धुल जाता है.
पुलिस ने जांच करने की बात कही
वहीं मामला मीडिया में सामने आने के बाद पुलिस के अधिकारी ने जांच करने की बात कही है. इतना ही नहीं उन्होंने इसे बुंदेली परंपरा कहकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश भी की.
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राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने मांगा जवाब
राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने भी इस घटना पर आपत्ति जताई है. आयोग ने कलेक्टर से इस मामले में क्या कार्रवाई हुई, इसको लेकर जवाबतलब किया है. आयोग ने 10 दिनों के अंदर कलेक्टर से बच्चियों का उम्र सर्टिफिकेट भी पेश करने को कहा है.
आस्था हो या अंधविश्वास लेकिन जिस तरह से मासूम बच्चियों को नग्न करके घुमाया गया, उसे आधुनिक भारत में किसी भी दृष्टि से उचित नहीं कहा जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- बच्चियों को नग्न कर गांव में घुमाया गया
- गांववालों ने कहा- इस टोटके से होती है अच्छी बारिश
- राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग ने कलेक्टर से मांगा जवाब
Source : News Nation Bureau