MP Political Crisis : शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर SC में सुनवाई आज, कमलनाथ बोले- हमारे पास पर्य़ाप्त बहुमत

फ्लोर टेस्ट नहीं होने पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कमलनाथ सरकार के खिलाफ 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी.

फ्लोर टेस्ट नहीं होने पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कमलनाथ सरकार के खिलाफ 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी.

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Sushil Kumar
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कमलनाथ औऱ शिवराज सिंह चौहान( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

मध्य प्रदेश में सियासी संकट जारी है. इसका आखिरी परिणाम क्या होगा? यह देखना दिलचस्प होगा. लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी है. कमलनाथ सरकार बचाने के लिए हर वो दांव खेल रही है, जिससे सरकार को गिरने से बचाया जा सके. साथ ही बीजेपी मध्य प्रदेश में कमल खिलाने को आतुर है. इस सियासी संकट में हर दिन नया मोड़ सामने आ रहा है. 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट होना था, लेकिन नहीं हो सका. इसको लेकर राज्यपाल ने कमलनाथ को फिर से चिट्ठी भी लिखी है.

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दो जजों की बेंच करेगी सुनवाई

फ्लोर टेस्ट नहीं होने पर बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. उन्होंने अपनी याचिका में कमलनाथ (Kamalnath) सरकार के खिलाफ 48 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की 2 जजों की बेंच इस मामले पर मंगलवार 17 मार्च को सुनवाई करेगी. सियासी घटनाक्रम में उस वक्त फिर नया मोड़ आ गया, जब गवर्नर लालजी टंडन ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिख उन्हें 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने को कहा. अगर बहुमत साबित नहीं कर पाते हैं, तो उसको अल्पमत में माना जाएगा.

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विधानसभा 26 मार्च तक के लिए स्थगित

वहीं विधानसभा में राज्यपाल लालजी टंडन का अभिभाषण हुआ. इसके तुरंत बाद विधानसभा 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यपाल ने चिट्ठी लिखकर कमलनाथ पर खासे नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि 15 मार्च को आपको बहुमत साबित करने को कहा गया था, लेकिन आपने नहीं किया. आपके द्वारा दिए गए तर्क आधारहीन और तर्कहीन है. आपके द्वारा किए गए भाषा का इस्तेमाल भी संसदीय कार्य़प्रणाली के खिलाफ है. अगर आपके पास बहुमत है, तो 17 मार्च को साबित करें, अन्य़था आपको अल्पमत में मान लिया जाएगा.

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हमारे पास पर्याप्त बहुमत- कमलनाथ

इसके बाद कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि हमारे पास पर्याप्त बहुमत है. हम संवैधानिक मर्यादाओं के अधीन बहुमत परीक्षण के लिए तैयार हैं, लेकिन किसी और रूप में नहीं.

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