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एमपी में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेगा केंद्रीय दल

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Floods) में पिछले दिनों हुई बारिश ने कई जिलों में जमकर तबाही मचाई. इस अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंदीय दल राज्य के दौरे पर है.

Updated on: 11 Sep 2020, 12:50 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Floods) में पिछले दिनों हुई बारिश ने कई जिलों में जमकर तबाही मचाई. इस अतिवृष्टि से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंदीय दल राज्य के दौरे पर है. आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अतिवृष्टि से प्रदेश में बाढ़ के कारण हुई क्षति का आंकलन करने के लिये केन्द्रीय दल शुक्रवार को होशंगाबाद, देवास, रायसेन और सीहोर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करेगा.

केन्द्रीय दल भारत सरकार के संयुक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री के नेतृत्व में राज्य के प्रवास पर है. बताया गया है कि यह केंद्रीय दल शुक्रवार और शनिवार को प्रभावित जिलों के उन गांव तक पहुंचेगा जहां नुकसान हुआ है और प्रभावितों से सीधे चर्चा करेगा.

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वहीं बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चार दिन तक लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने बिगड़े हालात में भी लोगों से न घबराने की अपील की. उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया. चौहान ने ग्रामीणों के बीच पहुंचकर नुकसान को करीब से देखा और कहा, फसलों के साथ मकान आदि का भी सर्वे कराया जाएगा. गंदा पानी न पीने की सलाह देते हुए सरकारी अमले को निर्देशित किया कि प्रभावित लोगों को शुद्घ भोजन, शुद्घ पेयजल, दवाइयां और अन्य जरूरी सामान दिया जाए.

एक तरफ जहां खेतों में खड़ी फसल चौपट हो गई. वहीं, गांव के गांव पानी में डूब गए. जलस्तर उतरने के बाद गांवों में हुए नुकसान की तस्वीर उभरकर सामने आ रही है. वह लोगों के दर्द को और बढ़ाने का काम कर रही है. कहीं मकानों का नामों निशान नहीं बचा है, घरों के भीतर का सामान बर्बाद हो गया है, तो सड़कें कीचड़ में बदली हुई है. सीहोर जिले के सातदेव गांव में तो बाढ़ के पानी ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है. दो हजार की आबादी वाले इस गांव में लगभग तीन सौ मकान है, इनमे से पैंतीस से ज्यादा मकानों का तो नामो निशान ही नहीं बचा है. मवेशी, खाद्य सामग्री के अलावा अनाज भी पानी बहा ले गया. लोगों का जीवन मुसीबत से घिर गया है.