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पहले मध्य प्रदेश की राजनीति के कोरोना वायरस को हटाना होगा, बोले मुख्यमंत्री कमलनाथ

विधानसभा अध्यक्ष एन.पी प्रजापति ने कहा कि विधायक सामने आकर त्यागपत्र देंगे तब नियमानुसार इन पर कार्रवाई की जाएगी. अध्यक्ष ने इस मामले में विधायकों को नोटिस जारी किया है.

Updated on: 13 Mar 2020, 03:03 PM

भोपाल:

मध्य प्रदेश कांग्रेस (Madhya Pradesh Congress) में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि कोरोना वायरस तो यहां राजनीति में है, पहले इसे हटाना होगा बाद में कोरोना वायरस को देखा जाएगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने कोरोना वायरस के चलते राज्य विधानसभा का बजट सत्र टलने के सवाल पर पत्रकारों से कहा कि कोरोना वायरस तो यहां राजनीति में है, पहले इसे हटाना होगा बाद में कोरोना वायरस को देखा जाएगा. इससे पहले मध्य प्रदेश कांग्रेस में चल रहे सियासी घमासान के बीच भोपाल लौटे राज्यपाल लालजी टंडन (Governor Lalji Tandon) से आज राजभवन में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात की और तीन पेज का पत्र सौंपा.

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इस पत्र में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त (हार्स ट्रेडिंग) का आरोप लगाया है. पत्र में मुख्यमंत्री ने राज्य की राजनीतिक स्थिति और घटनाक्रम का जिक्र किया. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाए है कि बीजेपी कांग्रेस के मंत्रियों की खरीद-फरोख्त की राजनीति कर रही है. इसी के चलते 19 विधायकों को बेंगलुरू ले जाया गया है.

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने से मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है. सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 बागी विधायकों ने भी त्यागपत्र दे दिया है. इनमें से अधिकतर विधायक बेंगलुरु में ठहरे हुए हैं और कांग्रेस ने इन विधायकों के बीजेपी के कब्जे में होने और दबाव में आकर त्यागपत्र देने का आरोप लगाया है. वहीं, विधानसभा अध्यक्ष एन.पी प्रजापति ने कहा कि विधायक सामने आकर त्यागपत्र देंगे तब नियमानुसार इन पर कार्रवाई की जाएगी. अध्यक्ष ने इस मामले में विधायकों को नोटिस जारी किया है.

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गौरतलब है कि राज्य में बीते एक सप्ताह से सियासी खींचतान मची है. कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 19 विधायक बेंगलुरू में हैं. इस्तीफा देने वाले मंत्रियों और विधायकों में गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया के अलावा विधायक हरदीप सिंह डंग, जसपाल सिंह जज्जी, राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, मुन्ना लाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडौतिया, रक्षा संतराम सिरौनिया, रणवीर जाटव और जसवंत जाटव शामिल हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेंगलुरू गए 6 मंत्रियों को बर्खास्त करने की राज्यपाल से सिफारिश की है तो वहीं बीजेपी लगातार वर्तमान सरकार को अल्पमत की सरकार बता रही है.

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