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मध्य प्रदेश कांग्रेस में पैसा दो और टिकट लो, उम्मीदवारों को देना होगा 50 हजार चंदा

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो इस साल नवंबर में होने हैं, लेकिन राज्य कांग्रेस को चुनाव में फण्ड की चिंता अभी से सता रही है।

Updated on: 26 Feb 2018, 05:07 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो इस साल नवंबर में होने हैं, लेकिन राज्य कांग्रेस को चुनाव में फण्ड की चिंता अभी से सता रही है।

दरअसल, राज्य में कांग्रेस करीब 15 सालों से सत्ता से बाहर है, साथ 2014 में केंद्र की सत्ता से भी बाहर हो चुकी है। वहीं, राज्य दर राज्य वो सत्ता खोती जा रही है। ऐसे में चंदा जुटाना पार्टी के लिए मुश्किल हो गया है। 

केंद्रीय कांग्रेस ने भी राज्य के चुनावों में सीमित फण्ड देने के लिए ही हामी भरी है। ऐसे में विधानसभा के बड़े चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के कंधों पर फण्ड जुटाने की बड़ी ज़िम्मेदारी आ गयी है।

प्रदेश कांग्रेस ने इसके लिए कवायद भी शुरू कर दी है। ऐसे में तरह तरह के प्रस्ताव उसने तैयार किये हैं। इनमें सबसे दिलचस्प प्रस्ताव है- टिकटार्थियों से चन्दा। 
टिकटार्थियों से चंदा वसूलने का प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस लेकर आयी है, जिस पर प्रदेश कांग्रेस और प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया के बीच चर्चा भी हो चुकी है। इस बावत पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने बताया कि, हाँ, टिकटार्थियों से चंदा लेने का प्रस्ताव है, जिस पर अभी चर्चा हो रही है। 

प्रस्ताव ये है कि, राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर जो भी कांग्रेस का उम्मीदवार बनने की इच्छा रखता है, उसको एक उम्मीदवारी का फॉर्म भरना होगा और साथ में 50 हज़ार रुपये भी चन्दे के तौर पर जमा कराने होंगे।

पार्टी को लगता है कि, राज्य के आज के हालात में एक सीट पर कई कई उम्मीदवार चुनाव लड़ना चाहते हैं, ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए पार्टी फण्ड में ठीक ठाक पैसा इकट्ठा हो जायेगा। 

साथ ही पार्टी का एक तबका ये भी मानता है कि, इससे बेवजह टिकट मांगने वाले खुदबखुद किनारे हो जायेंगे और टिकट बंटवारे में होने वाली बेवजह की सिरदर्दी भी कम हो जायेगी।

हालांकि, जब ये प्रस्ताव राज्य के नेताओं के सामने रखा गया तो ये सवाल भी उठा क़ि, मध्य प्रदेश में कई गरीब इलाके हैं। ऐसे में वहां से उम्मीदवारी करने वाले पैसा कहां से लाएंगे और इससे कई अच्छे प्रत्याशी चुनाव लड़ने से अपने हाथ खींचने को मजबूर हो जायेंगे। साथ ही टिकट तो एक सीट से एक को ही मिलेगा, बाकियों के पैसे तो वापस मिलेंगे नहीं। 

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इस सवाल के बावजूद पार्टी को लगता है कि, आज के दौर में गंभीरता से विधानसभा के चुनाव लड़ने का इच्छुक 50 हज़ार की रकम को चन्दा करके पार्टी फण्ड में दे ही सकता है।

पार्टी के नेता मानते हैं कि, बीजेपी चुनाव प्रचार में अनाप शनाप पैसा खर्च करती आई है और एमपी में भी करेगी।

ऐसे में आखिर चुनाव लड़ने के लिए भी पार्टी को फण्ड तो चाहिए है वरना चुनावी फण्ड और प्रचार में कमी की वजह से वो पिछड़ जाए ये तो ज़्यादा नुकसान देह होगा।
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