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मध्‍य प्रदेश में चिड़ियों का सैंपल पहुंचाने बाप-बेटे ने किया 350 किमी बाइक से सफर

जब सेवा और अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो तो कोई भी काम बड़ा नहीं होता और कोई भी बाधा रोक नहीं सकती, इसकी मिसाल पेश की है मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी आर. पी. तिवारी ने. उन्हें मृत चिड़ियों का सैंपल जांच के लिए भोपाल लाना था.

Updated on: 10 Jan 2021, 11:39 PM

भोपाल:

जब सेवा और अपनी जिम्मेदारी का एहसास हो तो कोई भी काम बड़ा नहीं होता और कोई भी बाधा रोक नहीं सकती, इसकी मिसाल पेश की है मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के पशु चिकित्सा अधिकारी आर. पी. तिवारी ने. उन्हें मृत चिड़ियों का सैंपल जांच के लिए भोपाल लाना था. रेलगाड़ी नहीं मिली तो वे अपने बेटे के साथ ही बाइक से ही भोपाल चल दिए. सीएम शिवराज सिंह चौहान और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने भी तिवारी की प्रशंसा की है. इन दिनों राज्य में बर्ड फ्लू फैला हुआ है और पक्षियों की मौत होने पर उनके नमूने जांच के लिए भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं. राज्य के 18 जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो गई है. इसी क्रम में शुक्रवार को निवाड़ी जिले के सोरका गांव में दो दर्जन से ज्यादा चिड़ियां मृत पाईं गई थीं. पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर सेम्पल एकत्र किये. कार्यवाई पूरी होने के बाद सेम्पल जांच के लिय भोपाल भेजने की जिम्मेदारी पृथ्वीपुर के सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी आर.पी. तिवारी को दी गई.

बताया गया है कि तिवारी ने बस का टिकट बुक कराया, परंतु जब तक वे बस स्‍टैंड पहुंचे, तब तक बस निकल चुकी थी. उन्होंने इसके बाद झांसी से रेल टिकट रिजर्वेशन का प्रयास किया लेकिन टिकट नहीं मिला. इस पर उन्होंने शनिवार की सुबह बेटे से बाइक चलाकर भोपाल चलने को कहा. कड़ाके की ठंड और बारिश के कारण पिता-पुत्र को कई स्थानों पर रुकना पड़ा. तिवारी ने रविवार को भोपाल में सेम्पल जमा करा दिया.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर से मृत पक्षियों के सेम्पल पुत्र के साथ बाइक पर भोपाल स्थित राज्य पशुरोग अन्वेषण प्रयोगशाला पहुंचाने वाले सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्राधिकारी आरपी तिवारी की प्रशंसा की है.

मंत्री पटेल ने कहा कि बिना किसी सुविधा का इंतजार किये जिस तरह तिवारी ने बर्ड फ्लू महामारी के नियंत्रण के लिये अविलम्ब भोपाल लैब को सेम्पल पहुंचाये हैं, यह प्रदेश ही नहीं देश के लिए भी अनुकरणीय मिसाल बन गई है.