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बैतूल में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों के साथ धोखाधड़ी, लाखों रुपये लेकर कंपनी गायब

मध्यप्रदेश के बैतूल में 97 किसानों के साथ एक कंपनी ने धोखाधड़ी कर पैसे ले कर गायब हो गयी है. इंदौर की एक प्राइवेट फर्म ने किसानो के पैसे लेकर गायब हो गई है.

Updated on: 13 Feb 2021, 03:37 PM

इंदौर :

नए कृषि नियमों में केंद्र सरकार देश भर में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की बात कर रही है. केंद्र सरकार का मानना है कि इससे किसानों को फायदा होगा, लेकिन मध्यप्रदेश के बैतूल से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नाम पर किसानों के साथ ठगी की खबर आ रही है. मध्यप्रदेश के बैतूल में 97 किसानों के साथ एक कंपनी ने धोखाधड़ी कर पैसे ले कर गायब हो गयी है. इंदौर की एक प्राइवेट फर्म ने किसानो के पैसे लेकर गायब हो गई है. बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह किसानों को लेकर रोज कोई न कोई सांत्वना भरा आश्वासन दे रही है. परन्तु धरातल पर किसानों के साथ ठगी के मामले नहीं रुक रहे. अब नए मामले ने सरकार के कान खड़े कर दिए हैं. बता दें  कि किसानों के साथ धोखाधड़ी के इस मामले की पुष्टि कृषि विभाग तो कर रहा है, लेकिन मंत्री कमल पटेल इसकी जानकारी होने से इनकार कर रहे हैं.

हालांकि, मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि अगर ये मामला सही है तो कंपनी की संपत्ति कुर्क करके भी किसानों का भुगतान कराया जाएगा. कृषि विभाग के निर्देशक के.पी. भगत ने भी इस मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया.

बैतूल के किसानों  है कि बागवानी विभाग की सिफारिश पर किसानों ने इंदौर की एक कंपनी के साथ कॉन्ट्रेक्ट किया था . कंपनी के साथ  कॉन्ट्रैक्ट  2018 में हुआ था. वर्ष 2018 में हुए इस कॉन्ट्रेक्ट के मुताबिक किसानों को पौधरोपण करना था. पौधरोपण के वक्त किसानों को प्रति एकड़ 20 हजार का भुगतान किया जाना था. किसानों ने दो एकड़ जमीन के 40 हजार रुपए जमा करवाए. कंपनी ने शुरुआत में पौधे, उपज और तकनीकी जानकारी को लेकर आश्वासन दिया. लेकिन, किसानों को कंपनी के तरफ से कुछ नहीं दिया गया. किसानों ने इसकी शिकायत 17 दिसंबर 2019 को पहली बार जिला कलेक्टर के सामने की . इसके बाद उन्होंने कई शिकायतें की, लेकिन शिकायतों का कुछ नहीं हुआ.

कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई लिस्ट के मुताबिक़ कंपनी ने 125 एकड़ की जमीन पर सहजन की खेती के लिए किसानों से साइन करवाए और हर किसान से प्रति एकड़ 20 हज़ार रुपये लिए. किसानों का आरोप है कि कंपनी के अधिकारी लोग फोन नहीं रिसीव कर रहे हैं. इंदौर स्थित कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस में भेजी गई चिट्ठियां वापस लौट आई हैं. इंडिया टुडे ने रजिस्टर्ड ऑफिस के बारे में पता किया, तो पता चला किया कि कई महीने पहले वह दुकान बंद की जा चुकी है.किसानों का आरोप है कि कंपनी ने किसानों के साथ धोखा किया है. किसान कंपनी के खिलाफ़ मामला दर्ज कराने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन कंपनी कथित तौर पर गायब हो गई है.