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शिवराज सिंह चौहान( Photo Credit : फाइल)
मध्य प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान कथित तौर पुलिस की पिटाई से घायल 50 साल के किसान बंसी कुशवाहा की सोमवार को मौत हो गई. इस मामले के तूल पकड़ते ही एक बार फिर शिवराज सरकार विपक्ष के निशाने पर है. जनता भी लगातार शिवराज सरकार को प्रदेश में बढ़ते कोरोना मामलों के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. मध्य प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ने के चलते और किसान की मौत के बाद ट्विटर पर लोगों का गुस्सा फूटा है. ट्विटर पर 'शिवराज में जंगल राज' ट्रेंड कर रहा है. लोग लगातार #shivrajmejungleraj को लेकर ट्वीट कर रहे हैं और अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.
What's happening in your rule is very shameful.
— Durgesh Uikey Indigenous (BAMCEF) (@Durgesh_FT) April 21, 2020
Shivraj Me Jungle Raj pic.twitter.com/lLOiZPWBTB
आपको बता दें कि इस मामले में जबलपुर के गोरा बाजार पुलिस स्टेशन के एक सब इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल सहित 4 सिपाहियों समेत 6 पुलिसकर्मियों को पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके बाद देर शाम को एसपी अमित सिंह का जबलपुर से ट्रांसफर भी कर दिया गया. एएसपी-जबलपुर संजीव उइके ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि किसान को एक बीमारी के इलाज के लिए 19 अप्रैल को एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. उसने वहां की स्थानीय पुलिस या पुलिस के उच्च अधिकारियों से इस मामले में कोई शिकायत नहीं की थी. उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है. अगर उसमें ये बात आई कि पुलिस की पिटाई से किसान की मौत हुई है तो उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा.
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आपको बता दें कि ये घटना 16 अप्रैल की है. गुरुवार को जब बंशी कुशवाहा अपने खेतों को पानी देकर घर लौट रहे थे. कि तभी पुलिस उन्हें गोरा बाजार पुलिस स्टेशन पर ले गए जहां पूछताछ के दौरान उनकी बुरी तरह से पिटाई की. कुशवाहा ने मरने से पहले बयान भी दिया है. इस बयान में वो कह रहे हैं कि वो 16 अप्रैल को खेतों में पानी डालकर लौट रहे थे, इसी दौरान गोरा बाजार पुलिस स्टेशन के 6 पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका और इलाके में चल रहे जुए के धंधों के बारे में पूछने लगे. जब उन्होंने इस बाबत किसी तरह की जानकारी ना होने की बात कही तो पुलिसकर्मियों ने उनकी बुरी तरह पिटाई कर दी.