आयकर विभाग के अधिकारी बनकर डाली रेड, ऐसे हुआ खुलासा

ग्वालियर में पुलिस ने फर्जी आयकर अधिकारी बनकर छापा मारने वाले गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने घाटीगांव के सराफा कारोबारी कमल किशोर सोनी के यहां खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर छापा मारने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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Yogendra Mishra
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आयकर विभाग के अधिकारी बनकर डाली रेड, ऐसे हुआ खुलासा

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : News State)

ग्वालियर में पुलिस ने फर्जी आयकर अधिकारी बनकर छापा मारने वाले गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने घाटीगांव के सराफा कारोबारी कमल किशोर सोनी के यहां खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर छापा मारने वालों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गुरुवार की रात तक यह खुद को इनकम टैक्स विभाग के अफसर बता रहे थे. थाने पर पहुंचते ही इस गिरोह से जुड़े लोगों के तेवर ढीले पड़ गए. जानकारी के मुताबिक इस पूरे कांड की योजना सराफा कारोबारी के फुफेरे भाई आदित्य सोनी ने बुनी थी. वह खुद को CBI का अधिकारी बताता था.

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छापा पड़ने के दो दिन पहले ही उसने व्यापारी को व्हाट्सएप कर दिया था कि उसकी दुकान पर छापा पड़ने वाला है. सराफा कारोबारी की चचेरी बहन देविका सोनी टोपी बाजार के व्यापारी गुरजीत उर्फ जिमी कुकरेजा के साथ आयकर अधिकारी बनकर पहुंची थी. घाटीगांव थाना पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी और अवैध रूप से वसूली करने की धाराओं में मामला दर्ज किया है.

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पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या इस गिरोह ने पहले भी इस तरह का कोई कांड तो नहीं किया. कमल किशोर सोनी निवासी मोहना की घाटीगांव में एक ज्वेलरी शॉप है. सोमवार (21 अक्टूबर) को उनकी दुकान पर चार लोग खुद को इनकम टैक्स का अधिकारी बता कर पहुंचे. छापा न मारने के लिए इन्होंने 5 लाख रुपये की रिश्वत भी मांगी थी.

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मौके से यह लोग 50 हजार रुपये लेकर चले गए थे. कारोबारी को इस मामले में संदेह हुआ तो उसने अपने स्तर से जांच कराई. जिसमें खुद को अधिकारी बता रहा एक युवक टोपी बाजार का चश्मा व्यापारी निकला. जिसके बाद कारोबारी ने पुलिस में शिकायत की. पुलिस ने घर पर छापा मारा. जहां पर कोई भी नहीं मिला. पुलिस ने जब फोन पर संपर्क किया तब भी यह लोग खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताते रहे.

इस फर्जी टीम में शामिल देविका ने कुछ दिन पहले अपने परिवार में बताया था कि उसका चयन आयकर विभाग में हो गया है. आदित्य खुद को CBI अधिकारी बताता था. पुलिस ने फोन पर इन लोगों से कहा कि थाने में आकर अपने बयान दर्ज करा कर जाएं, कोई कार्रवाई नहीं होगी. यह सुन कर लोग आए और पूछताछ में सबकुछ बता दिया. इस वारदात में शामिल जिम संचालक भूपेंद्र कुशवाहा और इस्माल खान निवासी बरई इस टीम में असिस्टेंट बनकर गए थे.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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