जल जीवन मिशन के लिए सबका योगदान महत्वपूर्ण, सब मिलकर करें काम: PM Modi
pm modi आज भोपाल में हो रहे है 'वाटर मिशन 2047' सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरियें जुड़े. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर घर जल मिशन के लिए राज्यों को लक्ष्य का पूरा करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वाटर विजन 2047 देश के अमृत काल में म
नई दिल्ली:
pm modi आज भोपाल में हो रहे है 'वाटर मिशन 2047' सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरियें जुड़े. इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर घर जल मिशन के लिए राज्यों को लक्ष्य का पूरा करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि वाटर विजन 2047 देश के अमृत काल में महत्वपूर्ण योगदान की भुमिका निभायेगा. पीएम मोदी ने कहा कि यह लक्ष्य हासिल करने के लिए लोगों का, सामाजिक संगठनों का और राज्यों के भागेदारी की बड़ी भुमिका होगी. पीएम मोदी ने कहा कि हमें पानी बचाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना होगा. इसके लिए जियोमेपिंग, जियोसेंसिंग जैसे तरीके को अपनाना होगा.
इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के जल मंत्री के साथ केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावट शामिल थे. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाले समय में पानी की मांग तेजी से बढ़ेगी और इसके लिए सबको मिलकर काम करना होगा. पानी की बचत पर हमें अभी से ध्यान देना हो. पानी कृषि और इंडस्ट्री दोनों के महत्वपूर्ण हैं. इसकी तैयारी हमें अभी से करनी होगी. गांवो में मनरेगा के तहत तलाब, कुएं के जरिए पानी को जमा करना होगा तथा राज्यों को अगले पांच साल का प्लान बनाकर इस पर काम करना होगा.
We need to use technologies like Geosensing and Geomapping in the field of water conservation. Industry and agriculture are two sectors where water is required. Jal Jeevan Mission has become a major development parameter to provide water to every household: Prime Minister Modi pic.twitter.com/IlGro17v0S
— ANI (@ANI) January 5, 2023
भारत सरकार पानी को बचाने तथा इसका सही उपयोग करने के लिए नदियों को जोड़ रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत केन-बेतवा नदी को जोड़ा जा रहा हैं जिससे बुंदेलखंड के करीब 10 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई के लिए पानी मिलेगी. इससे किसानों को बहुत फायदा होगा.
नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक भारत विश्व में भुमिगत जल का उपयोग करने वाला सबसे बड़ा देश है. भारत में पानी की मांग 2030 तक दोगुनी हो जायेगी. वही 2025 में 1400 क्यूबिक मीटर और 2050 में मात्र 1250 क्यूबिक मीटर ही रह जायेगी. हर साल दो लाख लोगों की मौत अपर्याप्त स्वच्छ पानी न मिलने की वजह से हो जाती हैं.
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