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राज्‍यसभा चुनाव से पहले मध्‍य प्रदेश में सियासी ड्रामा, जानें विधानसभा का गणित

राज्‍यसभा चुनाव से पहले मध्‍य प्रदेश में सियासी ड्रामे से भूचाल आ गया है. कांग्रेस और उसके सहयोगी 8 विधायकों को गुरुग्राम के एक रिजॉर्ट में ठहराए जाने की खबर से बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

Updated on: 04 Mar 2020, 09:04 AM

नई दिल्‍ली:

राज्‍यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election) से पहले मध्‍य प्रदेश में सियासी ड्रामे से भूचाल आ गया है. कांग्रेस और उसके सहयोगी 8 विधायकों को गुरुग्राम के एक रिजॉर्ट में ठहराए जाने की खबर से बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. हालांकि कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है और चार विधायक होटल से निकाल लिए गए हैं. इस बीच खबर है कि बाकी विधायकों को रिजॉर्ट से दूसरी जगह ले जाया गया है. यह भी सूचना आ रही है कि कुछ विधायकों को कर्नाटक भी ले जाया गया है, हालांकि यह बात अभी कन्‍फर्म नहीं हो पाई है. कमलनाथ सरकार (Kamalanath Govt) पर संकट के बादल मंडराने की भी खबरें आ रही हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि मध्‍य प्रदेश की विधानसभा में दलों की क्‍या स्‍थिति है.

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फिलहाल मध्‍य प्रदेश विधानसभा में 228 सदस्य हैं. दो विधायकों के निधन से दो सीटें खाली हैं. अभी कांग्रेस के पास 114, बीजेपी के पास 107 विधायक हैं. दो विधायक बसपा के तो एक विधायक सपा का है. विधानसभा में चार निर्दलीय विधायक भी हैं. मंत्री पद न मिलने से आदिवासी विधायक बिसाहुलाल साहू और अन्‍य विधायक नाराज हैं. बीजेपी की इन विधायकों पर नजर है. हालांकि कांग्रेस ने समय रहते सावधानी बरती और चार विधायकों को रिजॉर्ट से निकाल पाने में सफल हुई है.

मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने विधायकों की खरीद-फरोख्‍त का आरोप लगाते हुए कहा, 'बीजेपी अहंकार में डूबी है. बसपा विधायक रामबाई से गुंडागर्दी की गई और कई विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया.' दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का भी आरोप लगाया. उन्‍होंने कहा, हरियाणा में बीजेपी की सरकार होने के कारण भाजपा के नेताओं ने इस होटल को चुना.

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दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा, 'जब हमें पता चला तो जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह को वहां (मानेसर के होटल ) भेजा गया. जिनके साथ हमारा संपर्क स्थापित हुआ, वे आने को तैयार हो गए. हम बिसाहूलाल साहू और राम बाई के संपर्क में थे. रामबाई तब भी वापस आईं, जब भाजपा ने उन्हें रोकने की कोशिश की.' यह भी खबर है कि बाकी बचे विधायकों को गुरुग्राम के रिजॉर्ट से कहीं और शिफ्ट कर दिया गया है.