logo-image

बांधवगढ़ में किया गया हाथी महोत्सव का आयोजन, एक माह तक चलेगा महोत्सव

बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में शुरू हाथी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. वन्यजीव प्रेमी रुचि श्रीवास्तव व क्षेत्र संचालक डॉ बीएस अग्निगेरी ने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुवात की है. महोत्सव में हाथियों को उनके मनपसंद फल और भोजन देकर उनकी खातिरदारी की जाती है.

Updated on: 01 Sep 2022, 01:28 PM

नई दिल्ली :

बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में शुरू हाथी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. वन्यजीव प्रेमी रुचि श्रीवास्तव व क्षेत्र संचालक डॉ बीएस अग्निगेरी ने फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुवात की है. महोत्सव में हाथियों को उनके मनपसंद फल और भोजन देकर उनकी खातिरदारी की जाती है. यही नहीं जितने दिन भी महोत्सव चलता है महावत हाथियों की पूरी सेवादारी करते हैं. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित विश्व विख्यात बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में हाथी महोत्सव का आयोजन किया गया है.  बताया जा रहा है कि बांधवगढ़ में इस तरह का महोत्सव हर साल किया जाता है. इस दौरान हाथियों की सेवा की जाती है.

यह भी पढ़ें : अब निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी मिलेगी ग्रेच्युटी, सुप्रीम ने सुनाया बड़ा फैसला

आपको बता दें कि  एक सप्ताह तक चलने वाले इस महोत्सव में बांधवगढ़ के सभी हाथी भाग लें रहे हैं. इस हाथी महोत्सव का आयोजन बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के ताला गेट के रामा कैम्प में किया गया है. इस दौरान हाथियों के लिए विशेष इंतजाम करने के साथ उन्हें उनके पसंदीदा भोजन कराया जाता है और इसके साथ ही उनकी सेवा का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाता है. इस महोत्सव के दौरान महावत हाथियों को नहलाते है और तेल मालिश करने के बाद उन्हें सजाते है.

इसके बाद विशेषज्ञों और चिकित्सकों द्वारा हाथियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है इसके लिए हाथियों की ब्लड सैम्पलिंग की जाती है और उनके रोग व्याधि की जांच की जाती है और हाथियों को मनपसंद भोजन कराया जाता है. बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व में चलने वाले हाथी महोत्सव के आयोजन के दौरान हाथियों को पूरी तरह विश्राम दिया जाता है. हाथी इस दौरान बांधवगढ़ नेशनल पार्क में स्वछंद विचरण भी करते है तथा चरणगंगा नदी में जमकर नहाते और मौजमस्ती भी करते हैं. आपको बता दें कि  इस महोत्सव के दौरान हाथी एक परिवार के रुप मे एकत्र होते है। इसी समय उनका परिचय होता है. महोत्सव की समाप्ति बाद ये विभाजित होकर अपने अपने कैम्पों के लिए रवाना हो जाते हैं.