मध्य प्रदेश के इंदौर के एक होटल में बनाये गये पृथक केंद्र से कोरोना वायरस के छह मरीजों सहित आठ लोगों के फरार हो जाने का मामला सामने आया है. इनमें से तीन मरीजों को ढूंढकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. शहर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) पुनीत गहलोत ने बृहस्पतिवार को मीडिया से कहा, ‘‘ राजेंद्र नगर क्षेत्र के एक होटल में बनाये गये पृथक केंद्र के पिछले हिस्से की चहारदीवारी फांदकर बुधवार को आठ लोग फरार हो गये. पुलिस होटल के बाहर पहरा दे रही थी. फरार लोगों की उम्र 40 के 60 वर्ष के बीच है." उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आयी.
फरार लोगों में से तीन कोविड-19 संक्रमितों को ढूंढकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें से दो लोग बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले हैं, जबकि एक व्यक्ति राजस्थान के कोटा जिले से ताल्लुक रखता है. सीएसपी ने बताया कि मूल रूप से उत्तरप्रदेश के रामपुर जिले के रहने वाले पांच अन्य लोग अब भी फरार हैं. उनकी तलाश की जा रही है. रामपुर के जिला प्रशासन को भी उनके बारे में सूचना दे दी गयी है.
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उन्होंने कहा , "जिन तीन लोगों को ढूंढ निकाला गया, उनका कहना है कि वे पिछले 17 दिन से पृथक केंद्र में रहकर परेशान हो गये थे. इन लोगों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट बुधवार को ही आयी थी." सीएसपी ने कहा, "ढूंढे गये लोगों का कहना है कि जब उन्हें पता चला कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के चलते अब उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ेगा, तो वे डर के मारे भाग गए ." इस बीच , सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र के थाना प्रभारी बीडी त्रिपाठी ने बताया कि मामले से जुड़े आठ लोगों में से छह लोग रानीपुरा क्षेत्र के एक लॉज में रुके थे, जबकि दो लोग एक मुसाफिरखाने (धर्मशाला) में मिले थे.
उन्होंने कहा , "चूंकि प्रशासन ने रानीपुरा क्षेत्र को कोरोना वायरस संक्रमण का केंद्र (एपिकसेंटर) घोषित किया है. इसलिये हमने इस क्षेत्र से सटे इलाकों के कई लोगों को पृथक केंद्र भेज दिया था. इसी क्रम में इन आठ लोगों को भी वहां भेजा गया था." पृथक केंद्र से भागे आठ लोगों के एक धार्मिक जमात से जुड़े होने की खबरों को खारिज करते हुए थाना प्रभारी ने कहा, "ये लोग व्यापार के सिलसिले में इंदौर आये थे."
Source : Bhasha