Education Conclave 2025: ‘हमारे सरकारी कॉलेजों से पास बच्चे, डिग्री लेकर घूमते रहते, नौकरी नहीं मिलती’, जानें ऐसा क्यों बोले MP के मंत्री

Education Conclave 2025: कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रदेश के एजुकेशन सिस्टम पर बात की. उन्होंने क्या कहा, किस-किस विषय पर अपनी बात रखी, आइये जानते हैं…

Education Conclave 2025: कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने प्रदेश के एजुकेशन सिस्टम पर बात की. उन्होंने क्या कहा, किस-किस विषय पर अपनी बात रखी, आइये जानते हैं…

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Jalaj Kumar Mishra
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Education Conclave 2025

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Education Conclave 2025: मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार न्यूजनेशन के एजुकेशन कॉन्कलेव में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के लागू होने के बाद से अहम बदलाव हुए हैं. लेकिन सबसे अहम तीन प्वाइंट है, जिस पर अधिक काम करने का आग्रह किया है, जिसमें शिक्षा भारत केंद्रित हो, गुणवत्तापूर्ण हो और ध्यान आधारित हो. इसी प्रकार से देशभर में काम कर रहा है. मध्य प्रदेश इसके क्रयान्वयन में सबसे आगे है. नीतियां पहले भी बनीं लेकिन उस लेवल पर क्रयान्वयन नहीं हुआ, जिस लेवल पर होना था. 

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Education Conclave 2025: क्वालिटि एजुकेशन पर काम कर रही है सरकार

मध्य प्रदेश में दक्षिणी राज्यों के बराबार ही कॉलेज-यूनिवर्सिटी हैं तो क्या ये सिर्फ संख्या बल ही है या फिर क्वालिटी एजुकेशन पर भी हम काम किया जा रहा है. इस पर परमार ने कहा कि संख्या के मामले में तो 19-20 है. कॉलेजों की संख्या पर्याप्त है. सरकार और प्राइवेट सेक्टर की मदद से राज्य में संख्या की कमी नहीं है. रही बात क्वालिटी एजुकेशन की तो हम इसके लिए काम रहे हैं. हमारे पास अब तक रेगुलर टीचर्स नहीं थे. हमारे पास संशाधन नहीं थे पर हम अब काम कर रहे हैं. हम अब हर जिले में पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के रूप में विकसित कर रहे हैं. हम इसमें रोजगार उनमुखी कार्यक्रम भी जोड़ रहे हैं. हमारा प्रयास है कि हम अपने बच्चों को कॉलेजों में ही ऐसी ट्रेनिंग दे दें कि कॉलेज से पासआऊट होते ही वे रोजगार प्राप्त कर सकें. 

ऐसा देखा जाता है कि भारत के कॉलेजों में जो चीज पढ़ाई जाती है, नौकरी में उसका इस्तेमाल नहीं होता है और जो नौकरी में इस्तेमाल होता है, भारत के कॉलेजों में वह सब पढ़ाया नहीं जाता है. एक्सपर्ट्स इसे स्किल डेफिसेंट कहते हैं, क्या आप इस पर भी काम कर रहे हैं.

सवाल का जवाब देते हुए परमार ने कहा कि हमारे यहां खासकर एमपी में सरकारी कॉलेजों में हम बच्चों को जो अब तक पढ़ा रहे थे, सिलेबस में जो विषय हम जोड़ रहे थे. उसका इस्तेमाल इंडस्ट्री में बहुत कम होता था. विद्यार्थी अपनी डिग्री डिप्लोमा लेकर घूमते रहते थे. हमारी इंडस्ट्री की जो डिमांड थी, उसकी पूर्ति हम नहीं कर पा रहे थे. इसी वजह से हमने एक प्लान तैयार किया है, जिसमें कॉलेज और इंटस्ट्री साथ में मिलकर सिलेबस डिजाइन कर रहे हैं. इससे हम लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के बारे में अपने विद्यार्थियों को बता पाएंगे. आने वाले वक्त में इसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे.

Education Conclave 2025: टेक्निकल नॉलेज पर क्या बोले परमार

उन्होंने कार्यक्रम में कहा कि हमारे देश में परंपरागत स्किल्स हैं, हमें अब उसी स्किल्स को टेक्नोलॉजी को जोड़ना है. हम सिर्फ कॉलेज से ही लोगों को टेक्निकल नॉलेज ऐसा नहीं चाह रहे हैं. हमें इसके अलग से भी व्यवस्था बनानी चाहिए, इसलिए मोदी सरकार ने इंटर्नशिप जैसी योजनाएं शुरू की हैं. इससे लोगों में रुझान बढ़ेगा. अब कम शिक्षित लोग भी इस योजना का लाभ लेकर अपने रोजगार को टेक्नोलॉजी आधारित बना सकते हैं.

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