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जब जिला अस्पताल का ये हाल है तो कोई क्यों न जाए प्राइवेट अस्पतालों में

शाजापुर के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति कितनी खराब है यह बात किसी से छुपी नहीं है. लेकिन यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी कार्य में कितनी लापरवाही बरतते हैं इसकी जानकारी यहां पर एक बच्चे के इलाज के दौरान सामने आई है.

Updated on: 05 Sep 2019, 12:51 PM

highlights

  • सादे पन्ने पर निकाला गया था हाथ का एक्सरे
  • परिजनों को प्राइवेट अस्पताल में बच्चे की हड्डी टूटने का पता चला
  • शिकायत को वापस लेने का बनाया ज रहा है दबाव

शाजापुर:

शाजापुर के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति कितनी खराब है यह बात किसी से छुपी नहीं है. लेकिन यहां के विशेषज्ञ डॉक्टर अपनी कार्य में कितनी लापरवाही बरतते हैं इसकी जानकारी यहां पर एक बच्चे के इलाज के दौरान सामने आई है. गनीमत रही है कि परिजनों ने बच्चे को निजी अस्पताल में दिखा दिया वरना बच्चे का जीवन खराब होने वाला था.

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आपको बता दे कि शाजापुर के जिला अस्पताल में एक सवा साल के बच्चे को हाथ में चोट लगने पर परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे. यहां पर डॉक्टर ने एक्सरे करवाने के बाद बच्चे को सामान्य चोट बताकर घर भेज दिया. दो दिन बाद जब बच्चे के हाथ का दर्द बंद नहीं हुआ और परिजन बच्चे के जिला अस्पताल के एक्सरे को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे तो वहां के डॉक्टर ने एक्सरे देखते ही बताया कि इसके हाथ के हड्डी टूटी हुई है.

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इस पर परिजनों ने बच्चे का निजी अस्पताल में प्लास्टर करवाने के बाद जिला अस्पताल आकर जमकर हंगामा किया. यहां उन्होंने डॉक्टरों को खूब खरी खोटी सुनाई. शहर के लक्ष्मी नगर क्षेत्र में रहने वाली महिला ने बताया कि गत दिनों घर पर खेलते समय उनके सवा साल के पोते आरव को हाथ में गंभीर चोट आ गई थी.

ऐसे में उसे लेकर हम जिला अस्पताल गए. यहां पर हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एनके गुप्ता को उसकी चोट बताई. इस पर डॉ गुप्ता ने आरव के परिजन को उसका इलाज करवाने के लिए जिला अस्पताल भेज दिया. जिला अस्पताल के सादे कागज पर निकाले गए एक्सरे को लेकर जब परिजन डॉक्टर गुप्ता के पास पहुंचे तो डॉक्टर गुप्ता ने परिजनों को कहा कि कोई परेशानी नहीं है सामान्य चोट लगी हुई है.

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डॉक्टर ने इसके लिए जिला अस्पताल से मिलने वाली दर्द निवारक दवाई और हाथ पर लगाने का लोशन लिख कर परिजनों को वहां से रवाना कर दिया. दो दिन बाद जब बच्चे के हाथ का सूजन कम नहीं हुआ और दर्द भी कम नहीं हुआ तो परिजन उसे लेकर निजी अस्पताल पहुंचे जहां पर डॉक्टर ने बताया कि इसकी तो हड्डी टूटी हुई है.

परिजनों ने अस्पताल में इलाज कराया. इलाज करवाने के बाद परिजन जिला अस्पताल वापस पहुंचे और इस तरह से गुमराह करने और लापरवाही बरतने पर जमकर हंगामा किया और सीएम हेल्पलाइन पर भी इस मामले की शिकायत की.

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सीएम हेल्पलाइन की शिकायत सामने आने के बाद उन्हें डाक्टरों ने अस्पताल बुलवाया और सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस लेने और जिला अस्पताल में उपचार कराने का दबाव बनाने लगे. लेकिन परिजनों ने कहा कि हम ना तो जिला अस्पताल में इलाज करवाएंगे और ना ही सीएम हेल्पलाइन से शिकायत वापस लेंगे क्योंकि आप लोगों द्वारा इलाज में अनदेखी की जाती है. लापरवाही बरती जाती है और ऐसे में हमारे जैसे ना जाने कितने मरीज आप लोगों की लापरवाही के शिकार होते हैं.