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मुख्यमंत्री कमलनाथ( Photo Credit : News State)
अब यह तय हो गया है कि प्रदेश के पुलिस महानिदेशक वीके सिंह से कमलनाथ सरकार संतुष्ट नहीं है. राज्य सरकार ने शक्रवार संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखकर उस पैनल को अमान्य कर दिया है जिसमें डीजीपी पद के लिए तीन नामों की अनुशंसा की गई थी. शासन का कहना है कि पैनल में वीके सिंह का नाम नियमानुसार शामिल नहीं होना था. प्रदेश के डीजीपी वीके सिंह और सरकार के बीच खाई की खबरें लंबे समय से आ रहीं थीं. बताया जाता है कि डीजीपी और मुख्यमंत्री के बीच संवाद भी बेहद कम हो गया था. यही कारण है कि मप्र में पुलिस अफसरों की तबादला सूची भी जारी नहीं हो पा रही थी. इसके चलते राज्य सरकार ने यूपीपीएससी को पत्र लिखकर अपनी मंशा जाहिर कर दी है.
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गृह विभाग के सचिव राजेश जैन ने यूपीपीएससी को लिखे पत्र में कहा है कि 18 नवंबर 2019 को आपके द्वारा जो पैनल भेजा गया था उसमें वीके सिंह का भी नाम शामिल है. जबकि वीके सिंह ने इस पत्र के लिए अपनी लिखित स्वीकृति प्रस्तुत नहीं की थी. बैठक के पूर्व 15 अगस्त 2019 एवं 30 अगस्त 2019 को अवगत कराया गया था. वीके सिंह का नाम पैनल में शामिल करना संघ लोक सेवा आयोग नई दिल्ली के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है. अत: राज्य सरकार इस पैनल को अस्वीकार कर दिया है. राज्य शासन द्वारा इस पद के लिए नए प्रस्ताव शीघ्र ही प्रेषित किए जाएंगे
कौन बनेगा डीजीपी
राज्य शासन के इस पत्र के बाद प्रदेश के पुलिस महकमें में खलबली मच गई है. हर कोई एक ही सवाल कर रहा है कि मप्र में अगला डीजीपी कौन होगा? बताया जाता है कि नए डीजीपी के लिए 1984 बैच के एम.एस. गुप्ता, 1985 बैच के डॉ. राजेंद्र कुमार लॉबिंग कर रहे हैं.
Source : News State