कांग्रेस में टूट के दिखने लगे आसार, सिंधिया को नई पार्टी बनाने की सलाह दे रहे समर्थक

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में सियासी वर्चस्व की जंग छिड़ी है. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया पार्टी के तीन प्रमुख नेता हैं.

कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में सियासी वर्चस्व की जंग छिड़ी है. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया पार्टी के तीन प्रमुख नेता हैं.

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Dalchand Kumar
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कांग्रेस में टूट के दिखने लगे आसार, सिंधिया को नई पार्टी बनाने की सलाह दे रहे समर्थक

ज्योतिरादित्य सिंधिया( Photo Credit : फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सत्ताधारी कांग्रेस के अंदर कलह कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है. वचन पत्र और सड़क पर उतरने के बयानों से बिगड़े हालातों में पोस्टरबाजी आग में घी डालने जैसा काम रहे हैं. राज्य में पोस्टरबाजी का दौर शुरू हुआ तो पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थकों ने उनसे कांग्रेस से नाता तोड़कर अलग पार्टी बनाने की मांग कर डाली है. समर्थकों का कहना है कि जिस प्रकार उनके पिता माधवराव सिंधिया ने अपनी पार्टी बनाई थी, उसी तर्ज पर और उसी पुराने पार्टी के चुनाव निशान उगता सूरज को दोबारा से जीवित किया जाए. लिहाजा पार्टी में टूट के आसार दिखने लगे हैं.

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राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कई जगह पोस्टर लग चुके हैं. शिवपुरी में भी एक बड़ा पोस्टर लगाया गया. जिसमें कमलनाथ और सिंधिया की राहुल गांधी के साथ तस्वीर लगाई गई. पोस्टर में लिखा था, 'मुख्यमंत्री यह तस्वीर की मर्यादा भूल गए हैं. एक पद पर एक व्यक्ति का फॉर्मूला याद क्यों नहीं आ रहा.' इसके अलावा ग्वालियर की एक महिला नेता रुचि ठाकुर ने सिंधिया को सोशल मीडिया पर दूसरी पार्टी बनाने की सलाह दी.

रुचि ठाकुर ने कहा, '2018 से हम सबके आदर्श (सिंधिया) को पार्टी में साइड लाइन किया जा रहा है. माफ करो शिवराज का नारा उन्होंने दिया था, जिसकी वजह से राज्य में कांग्रेस की सरकार आई. महाराज पर कमलनाथ के बयान से हम सभी आहत हैं.' महिला नेता ने आगे कहा, 'सिंधिया के नई पार्टी बनाने पर लाखों कार्यकर्ता साथ होंगे. कई मंत्री उनके साथ हैं और नई पार्टी बनाने पर भी साथ रहेंगे. दिल्ली में केजरीवाल पार्टी बनाकर चुनाव जीत सकता है तो सिंधिया का आधार तो और भी ज्यादा है तो वो क्यों नहीं जीत सकते हैं?' उन्होंने कहा, 'जिस प्रकार माधवराव सिंधिया ने अपनी पार्टी बनाई थी, उसी तर्ज पर और उसी पुराने पार्टी के चुनाव चिन्ह को दोबारा से जीवित करें.'

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कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई में सियासी वर्चस्व की जंग छिड़ी है. कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया पार्टी के तीन प्रमुख नेता हैं. राज्य के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ को प्रदेश की कमान सौंपी और मुख्यमंत्री बनाया. दिग्विजय सिंह की सरकार में चलती है और वो पर्दे के पीछे से सरकार में भागीदारी निभा रहे हैं. अब बचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिनके हाथ कुछ नहीं लगा. मुख्यमंत्री के रूप में नाम उठा और प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की गई, मगर कांग्रेस ने उन्हें कोई जिम्मेदारी देने के बजाय साइडलाइन कर दिया. लिहाजा इससे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों में खासा गुस्सा है. सिंधिया समर्थक मंत्री भी फ्रंट में आकर मोर्चा खोल चुके हैं. कई मौकों पर सिंधिया भी पार्टी के रवैये को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. अब उनके समर्थक सिंधिया को कांग्रेस पार्टी छोड़ने की सलाह दे रहे हैं.

यह वीडियो देखें:

congress Jyotiraditya Sindhia CM Kamal Nath Madhya Pradesh Conress
      
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