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MP में दिग्विजय के सियासी एजेंडे में 'पन्ना' को तरजीह, अब उठ रहे सवाल

दिग्विजय सिंह का आरोप है कि रेत खनन भाजपा नेताओं के संरक्षण में चल रहा है तो वही मुड़िया पहाड़ पर भाजपा से जुड़े अंकुर त्रिवेदी ने कब्जा कर रखा हैं.

Updated on: 14 Nov 2021, 01:25 PM

highlights

  • कांग्रेस के देशव्यापी आंदोलनों की समिति प्रमुख हैं दिग्विजय सिंह
  • एमपी के खजुराहो जिले का पन्ना है उनके एजेंडे में शीर्ष पर
  • कांग्रेस के शासनकाल में दिग्विजय सिंह पर भी लगते रहे आरोप

भोपाल:

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को कांग्रेस ने देशव्यापी आंदोलनों की समिति का प्रमुख बनाया है. इन आंदोलनों को धार देने की जिम्मेदारी उनकी है, लेकिन उनके सियासी एजेंडे में इन दिनों सबसे ऊपर खजुराहो संसदीय क्षेत्र का पन्ना जिला है. यही कारण है कि सियासी गलियारों में एक ही सवाल उठ रहा है कि राष्ट्रीय आंदोलनों की जिम्मेदारी संभालने वाले सिंह के एजेंडे में आखिर सबसे ऊपर पन्ना क्यों है? हालांकि बीते कुछ दिनों की सियासी गतिविधि पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बात सामने आती है कि पन्ना में जमीन के कब्जे और रेत खनन को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़ा मुददा बनाने की कोशिश की है. रेत खनन को लेकर वे लोकायुक्त गए हैं, तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पत्र लिखे हैं.

दिग्विजय सिंह का आरोप है कि रेत खनन भाजपा नेताओं के संरक्षण में चल रहा है तो वही मुड़िया पहाड़ पर भाजपा से जुड़े अंकुर त्रिवेदी ने कब्जा कर रखा हैं. मुड़िया पहाड़ के मामले में मुख्यमंत्री चौहान ने जिला प्रशासन से जांच कराई है. इस मामले में जांच प्रतिवेदन तैयार कर सरकार को भेजा गया है. इसमें इस बात का उल्लेख है कि आदिवासी हीरालाल और अंकुर त्रिवेदी के बीच जमीन की खरीदी बिक्री का सौदा हुआ और त्रिवेदी की ओर से राशि का भुगतान भी हीरालाल को किया, जिसकी बिक्री की अनुमति राजस्व मंडल ने दी थी. सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर दिग्विजय सिंह पन्ना के मसले पर इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं, क्योंकि जमीनों पर कब्जे और रेत खनन तो प्रदेश के बहुत से हिस्सों में चल रहा है.

चर्चा इस बात की भी है कि पन्ना जिले में दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में सरकारी जमीन उनके कुछ प्रभावशाली करीबी लोगों को दी गई थी. इसमें 20 हेक्टेयर से अधिक जमीन तो पड़रिया कला में ही दिग्विजय सिंह के करीबियों के नाम पर है. पन्ना मुख्यालय में कांग्रेस की पूर्व जिला अध्यक्ष दिव्या रानी सिंह को फलों की खेती के लिए दी गई जमीन हाल ही में प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराई है. दिव्या रानी पर गलत जानकारी देने पर उच्च न्यायालय जबलपुर ने जुमार्ना भी लगाया है. उधर केन नदी के किनारे एक जमीन कथित तौर पर दिग्विजय सिंह के दामाद ने खरीदी है. इस पर जिला प्रशासन की नजर टेढ़ी है. परिणाम स्वरूप दिग्विजय सिंह के एजेंडे में पन्ना सबसे ऊपर आ गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से भी जब पन्ना को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने एक ही जवाब दिया, प्रमाण हो तो सामने लाएं. इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ट्वीट के जरिए भी खजुराहो सांसद शर्मा पर हमले बोल रहे है. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह दो दिन के पन्ना प्रवास पर जाने वाले है. इस दौरान भी उनका मुददा रेत खनन और जमीन का मसला रहने वाला है. दिग्विजय सिंह के पन्ना प्रेम पर भाजपा के प्रवक्ता डा हितेश वाजपेयी कहते है कि आज बड़ी मजेदार बात हुई. गयी रात दिलों पर राज करने वाली गोंडों की रानी से भोपाल की क्या मुलाकात हुई कि छुटभय्ये-राजाओं की सुबह से तबियत खराब हुई. भू-माफिया दिव्य-रानी पर मुरव्वत और गोंडों की रानी से नफरत. बहुत नाइंसाफी है. राजा साहब.

कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'राज्य की राजनीति में दिग्विजय सिंह ने हमेशा सोची समझी रणनीति के तहत चालें चली है, करीबियों को लाभ उनकी प्राथमिकता रही है. कमलनाथ की सरकार बनी तो बेटे को जूनियर होने के बावजूद केबिनेट मंत्री बनवाना था. अब पन्ना में उनके करीबियों के कारनामे उजागर होने की स्थिति है, तो वहां के सांसद विष्णु दत्त शर्मा को निशाने पर लिया. उनकी कोशिश होती है कि जो भी नेता उन पर या उनके करीबी केा घेरे, तो उस नेता को दवाब में लाया जाए. अब वे पूरी तरह शर्मा को दवाब में लेना चाह रहे है और पन्ना केा सियासी एजेंडे में सबसे उपर लिए हुए है. इस समय उनके सियासी दुश्मन नंबर वन शिवराज नहीं बल्कि शर्मा है. पिछले दिनों शर्मा को भावी मुख्यमंत्री बताकर भी विवाद खड़ा करने की कोशिश की गई थी.'