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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भारत द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्टाइक के सबूत जारी करने की शनिवार को मांग की. इसके बाद उनकी सोशल मीडिया पर आलोचना होने लगी तो उन्होंने रविवार को सफाई देते हुए कहा कि मैं ऑपरेशन पर सवाल नहीं उठा रहा हूं, लेकिन यह तकनीकी युग और उपग्रह चित्र संभव है. जैसे अमरीका ने दुनिया को ओसामा ऑपरेशन का ठोस सबूत दिया था, वैसे ही हमें भी अपनी हवाई हमले के लिए करना चाहिए.
Digvijaya Singh: I am not raising questions on the operation, but this the technical age and satellite pictures are possible. Like USA had given solid proof of the Osama operation to the world, we should also do it for our air strike. (2.3.19) pic.twitter.com/p4w4DaRY1g
— ANI (@ANI) March 3, 2019
उल्लेखनीय है कि पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया था, क्योंकि पुलवामा हमले की जिम्मेदारी जैश ने ही ली थी.
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आगामी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी को लेकर चल रही कयासबाजी पर सिंह ने कहा, 'वर्ष 1977 में पहली बार लोकसभा का टिकट मांगा था, मगर मिला नहीं था. उसके बाद से आज तक टिकट नहीं मांगा. पार्टी जहां से कहेगी लड़ूंगा.'
दिग्विजय के मुताबिक- पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) चाहते थे कि उनकी सरकार अभिनंदन को सौंपने के लिए भारत के साथ सौदेबाजी करे. पाक में इमरान की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि उन्होंने अभिनंदन की रिहाई के बदले भारत से कोई मांग नहीं रखी.
बता दें शुक्रवार को मोदी ने कन्याकुमारी में कहा था कि 26/11 के मुंबई हमले (2008) के बाद वायुसेना पाक में सर्जिकल स्ट्राइक करना चाहती थी लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने ऐसा करने से रोक दिया था. इस पर दिग्विजय ने कहा, "मैंने मोदी जैसा झूठा व्यक्ति नहीं देखा. "
बता दें भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को तड़के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मदरसे तलीम-उल-कुरान में बनी 4 इमारतों को निशाना बनाया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई. सूत्रों के मुताबिक, टेक्नीकल इंटेलिजेंस की सीमाओं और जमीनी खुफिया जानकारी की कमी के चलते हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या का सही आकलन नहीं हो सकता.
Source : News Nation Bureau