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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बेनामी निषेध इकाई ने रतुल पुरी के 254 करोड़ रुपये के शेयर अटैच किए

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दिल्ली बेनामी निषेध इकाई ने अनंतिम रूप से रतुल पुरी की कंपनियों से जुड़े 254 करोड़ रुपये के गैर-संचयी अनिवार्य परिवर्तनीय वरीयता शेयर (CCPS)/ इक्विटी शेयर को अटैच किया है.

Updated on: 30 Jul 2019, 11:06 AM

नई दिल्ली:

रतुल पुरी को अगस्ता वेस्टलेंड सौदे में दोनों मध्यस्थों से रुपये मिले थे। पुरी द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका के जवाब में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह कहा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष दाखिल अपने जवाब में एजेंसी ने कहा, "जांच में खुलासा हुआ कि रतन पुरी को दोनों मध्यस्थों- इंटरस्टेलर टैक्नोलॉजी और क्रिश्चियन मिशेल से रुपये मिले हैं।"

ईडी ने आरोप लगाया कि पुरी का संबंध सुशेन मोहन गुप्ता से है। ईडी ने कहा, "सुशेन मोहन गुप्ता की डायरी में प्रविष्टियों से इसका पता चला है।" एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि पुरी ने भले ही यह दावा किया है कि उसने गवाहों को प्रभावित नहीं किया, लेकिन वह आरोपी से गवाह बने राजीव सक्सेना से संपर्क में था।

पुरी द्वारा उसे लंच (दोपहर का भोजन) और एक संक्षिप्त बैठक करने की अनुमति मिलने के दावों को खारिज करते हुए ईडी ने दावा किया कि उसे ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई थी। सोमवार तड़के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार पुरी को मिली अंतरिम राहत बढ़ा दी और मामले की सुनवाई मंगलवार अपराह्न 12 बजे तय कर दी। अगस्ता वेस्टलेंड सौदे में अपनी कंपनियों के माध्यम से कथित रूप से रिश्वत लेने के मामले में पुरी जांच एजेंसियों के राडार पर हैं।

कंपनियों के शेयर अटैच

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की दिल्ली बेनामी निषेध इकाई ने अनंतिम रूप से रतुल पुरी की कंपनियों से जुड़े 254 करोड़ रुपये के गैर-संचयी अनिवार्य परिवर्तनीय वरीयता शेयर (CCPS)/ इक्विटी शेयर को अटैच कर दिया है. CCPS ऑप्टिमा इन्फ्रा के FDI के द्वारा आया था. सूत्रों का कहना है कि एक अन्य समूह कंपनी अर्थात् HEPCL ने चॉपर घोटाले के आरोपी रतुल पुरी की शेल कंपनियों के माध्यम से सौर पैनल के आयात के ओवर-इनवॉइसिंग के माध्यम से 254 करोड़ रुपये का निवेश किया.