अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले पर निर्णय सुप्रीम कोर्ट से आने वाला है. न्यायालय के फैसले पर किसी प्रकार का कोई माहौल न खराब हो, इसे लेकर मध्य प्रदेश सरकार काफी संजीदा दिख रही है. कोर्ट के फैसले के मद्देनजर राजधानी भोपाल में 2 महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है. कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने संवेदनशील जिला होने के कारण और आगामी परिस्थितियों के मद्देनजर धारा 144 लागू करने का फैसला लिया है. आदेश जारी कर समूह में लोगों के एकत्रित होकर किसी समुदाय के प्रति प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
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इसके साथ ही थाने में सूचना दिए बिना कोई भी व्यक्ति अपने मकान में किरायेदार, पेंगेस्ट, को नहीं रखेगा. होटल, लाज, धर्मशाला और ऐसे ही किसी स्थानों पर रुकने वालों के पहचान पत्र और जानकारी रजिस्टर में अंकित कर प्रतिदिन थाने में सूचना देना अनिवार्य होगा. कलेक्टर पिथोड़े ने धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी कर सभी सार्वजनिक स्थलों पर धार्मिक, सामाजिक और परम्परा आयोजन के अतिरिक्त अन्य सभी आयोजनों पर बिना अनुमति करने पर प्रतिबन्ध लगा दिया है.
कोई भी व्यक्ति जिले में किसी भी प्रदर्शन, आंदोलन, धरने के ना तो आयोजन करेगा और ना ही उसका नेतृत्व करेगा. सार्वजनिक जगहों पर कोई भी व्यक्ति चाकू, डंडा, धारदार हथियार और अन्य घातक हथियार जैसी वस्तुएं अपने साथ नहीं रख सकता. किसी भी होटल, लाज, सार्वजनिक धर्मशाला और ऐसे ही स्थलों पर रुकने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की जानकारी देने की जिम्मेदारी प्रबन्धक और मालिक की होगी. धारा 144 में जारी किए गए सभी आदेश 2 महीने तक भोपाल जिले में लागू रहेंगे.
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गौरतलब है कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. उम्मीद की जा रही है कि नवंबर में ही इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे सकता है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 40 दिनों तक चली है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले किसी प्रकार का माहौल खराब न हो, इसे लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और मौलाना भी लोगों से शांति और अमन की अपील कर रहे हैं. आरएएसएस की तरफ से शांति की अपील की जा रही है. संघ ने सभी संगठनों के स्थानीय पदाधिकारियों के जरिए नीचे तक यह समझाने की योजना बनाई है कि वे हर परिस्थिति में संगठन के अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में धैर्य और संयम रखें. साथ ही संगठन पर भरोसा रखते हुए आगे के निर्देशों व निर्णय का इंतजार करें.
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