मध्य प्रदेश : किसान रह गए हैरान जब मालूम चला बिना कर्ज लिए बने कर्जदार
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में चीनौर ब्लॉक में सहकारी समिति और बैंक कर्मचारियों ने मिलकर सैकड़ों किसानों के नाम पर कर्ज़ निकालकर लगभग 120 करोड़ का घोटाला किया है.
नई दिल्ली:
सरकार भले ही कर्ज माफी का ऐलान कर किसानों को राहत देना चाहती हो लेकिन इसका फायदा किसानों से ज्यादा सहकारी समितियां और कोऑपरेटिव बैंक के कर्मचारियों को मिला है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में चीनौर ब्लॉक में सहकारी समिति और बैंक कर्मचारियों ने मिलकर सैकड़ों किसानों के नाम पर कर्ज़ निकालकर लगभग 120 करोड़ का घोटाला किया है. मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने किसानों के कर्ज माफी का ऐलान किया तो गांव- गांव में कर्जदार किसानों की नोटिस चस्पा कर दिए गए. इनमें से सैकड़ों किसान यह देखकर हैरान रह गए कि कर्ज तो लिया ही नहीं बावजूद इसके कर्जदाराओं की सूची में नाम कैसे जुड़ गया. पूरे चीनौर ब्लॉक में लगभग 1100 किसान हैं जिनके नाम पर फर्जी लोन निकाला गया है. प्रदेश सरकार के पशुपालन मंत्री और भितरवार से विधायक लाखन सिंह भी यह मानते हैं कि उनके क्षेत्र में जिन किसानों ने लोन नहीं लिया उनके नाम कर्जदारों की सूची में शामिल हो गए हैं. यह पूरा रैकेट है सरकार जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई करने जा रही है.
यह भी पढ़ें- दिग्विजय सिंह बोले- मध्य प्रदेश में विपक्ष अपना रोल पचा नहीं पा रहा
दरअसल इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश किया था भितरवार के पूर्व विधायक बृजेंद्र तिवारी ने. किसानों को बैंकों से कर्ज़ नहीं मिल पा रहा था और जब वह इस कारण के पीछे तक गए तो पाया कि सरकारी समितियों और बैंक अधिकारियों ने पहले ही उन किसानों के नाम लोन ले लिया है. पिछले 8 साल से इस घोटाले के पीछे पड़े बृजेंद्र तिवारी ने जांच एजेंसियों की तरह भूमिका निभाई है. लेकिन कई बार आंदोलन और कलेक्ट्रेट का घेराव करने के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.
भितरवार के पूर्व विधायक विजेंद्र तिवारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सच है कि ग्वालियर जिले के चीनौर ब्लॉक में एक बड़े बैंक घोटाले की तफ्तीश चल रही है. क्योंकि किसानों के नाम पर बैंक कर्मचारियों ने सहकारी समितियों के साथ मिलकर 120 करोड़ का फर्जी लोन लिया है. मुख्य मंत्री कमलनाथ के दखल के बाद प्रशासन सख्त हुआ तो इस घोटाले में पूरे 12 साल बाद चीनौर कोऑपरेटिव बैंक के तत्कालीन प्रबंधक मुकेश माथुर को गिरफ्तार कर लिया गया. फर्जी लोन केस के बड़े घोटाले में एक और आरोपी सहकारी समिति का सचिव कालीचरण फरार है और उस पर पुलिस ने 5000 का इनाम घोषित किया है.
ग्वालियर के एडीशनल एसपी पंकज पांडे ने बताया कि 12 साल पहले हुए इस इस घोटाले में 16 अगस्त 2016 को चौदह लाख के गबन के मामले में चीनौर थाने में इन दोनों के नाम एफ आई आर दर्ज की गई है. लेकिन पिछली सरकार में कुछ नेताओं की कृपा पात्र होने के कारण अभी तक इन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी लेकिन सरकार बदलते ही एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसी मामले में इस घोटाले के दस्तावेज सहकारी समितियों द्वारा अभी तक बैंक को उपलब्ध नहीं कराए गए थे लेकिन अब वे भी दे दिए गए हैं.
चीनौर शाखा पर फर्जी ऋण वितरित करके 35 करोड़ का गबन किया गया है. गेहूं और धान की कैश क्रेडिट में 10 करोड़. पीडीएस में 1 करोड़ खाद की कैश क्रेडिट में दो करोड़. ऋण मुक्ति में 5 करोड़. इसी प्रकार भितरवार शाखा पर 10 करोड़. पिछोर में 5 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया गया है. यह घोटाला जांच में प्रमाणित हो चुका है लेकिन बैंक अभी तक वसूली नहीं कर पायी है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर