Damoh News: दमोह में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले फर्जी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ न्यूज़ नेशन की पड़ताल का बड़ा असर हुआ है. इस खुलासे के बाद पुलिस ने मिशन अस्पताल के नौ संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. आरोप है कि अस्पताल में अवैध रूप से कैथ लैब चलाई जा रही थी और एक फर्जी डॉक्टर के जरिए दिल के ऑपरेशन कराए जा रहे थे.
फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताकर कई मरीजों की सर्जरी की, जिसमें सात लोगों की जान चली गई. इन मृतकों में छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व स्पीकर राजेंद्र प्रसाद शुक्ल भी शामिल हैं. वर्ष 2006 में उनकी सर्जरी नरेंद्र यादव ने की थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ती गई और 18 दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद उनकी मौत हो गई.
इस पूरे मामले की शिकायत वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अखिलेश दुबे ने की थी. उन्होंने पुलिस को बताया कि मिशन अस्पताल ने उनके फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर ऑनलाइन कैथ लैब का रजिस्ट्रेशन करवाया. न सिर्फ अवैध रूप से कैथ लैब स्थापित की गई, बल्कि इसका उद्घाटन भी उसी फर्जी डॉक्टर ने किया. जांच में सामने आया कि अस्पताल प्रबंधन ने बिना किसी विशेषज्ञ की निगरानी के गंभीर सर्जरी करवाईं, जिससे कई मरीजों की मौत हुई।