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कुख्यात डकैत बबली कोल को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में आतंक फैलाने वाले डकैत बबली कोल (Babli Kol) और उसके एक साथी की लाश बरामद की गई है.

Updated on: 16 Sep 2019, 06:03 PM

highlights

  • बबली कोल के साथ उसका एक और साथी मारा गया
  • डकैती से उसने MP और UP की पुलिस को परेशान कर रखा था
  • पहले खबर थी कि बबली को उसके साथी ने ही गोली मार दी

सतना:

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में आतंक फैलाने वाले डकैत बबली कोल (Babli Kol) और उसके एक साथी की लाश बरामद की गई है. रविवार की रात बबली कोल को गैंगवार में मार गिराया गया. पुलिस ने सतना में लेदरी के जंगल से दो लाशें बरामद की हैं. इनमें से एक की शिनाख्त बबली और दूसरा उसके साथी लवकेश के तौर पर हुई है. डकैत बबली कोल पर 7 लाख और लवकेश पर 1 लाख 80 हजार रुपये का इनाम था.

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पहले खबर आई थी कि फिरौती की रकम के बंटवारे को लेकर गिरोह के सदस्यों में झगड़ा हुआ. जिसके बाद बबली को उसके साथी लोली कोल ने गोली मार दी. लेकिन अब उसे पुलिस मुठभेड़ में मार गिराने की खबर आ रही है.

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बबली कोल गिरोप पूरे विंध्य इलाके में अपहरण और हत्या के लिए कुख्यात था. हाल ही में उसने एक किसान का उसके ही घर से अपहरण कर लिया था. बाद में उसने फिरौती के रूप में 50 लाख रुपये मांगे थे. कई सालों से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की पुलिस उसके पीछे पड़ी थी. किसान के अपहरण के मामले में भी पुलिस के हाथ खाली थे. बाद में किसान के परिवार ने 6 लाख रुपये की फिरौती देकर उसे मुक्त कराया.

बबली कोल कैसे बना डकैत

अपनी डकैती के कारनामों से दो राज्यों की पुलिस के नाक में दम करना वाला बबली कोल उत्तर प्रदेश के मानिकपुर के पास के एक गांव का निवासी थी. 2006 में पुलिस ने उसे डकैतों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. छह महीने जेल की सजा काटने के बाद वह बाहर आ गया. जेल से आते ही बबली कोल ने बंदूक उठा ली.

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उसने पहली डकैती 2007 में मानिकपुर रेलवे स्टेशन के पास कामायनी एक्सप्रेस में की. विरोध करने पर उसने एक रशियन महिला को गोली मार दी. बबली कोल ने दोनों राज्यों के आधा दर्जन इलाकों में दहशत फैला रखी थी. बबली कोल के अपराध को सूचीबद्ध करने के लिए अंतर्राज्यीय अपराध सेल बनाया गया. जिसमें उसके खिलाफ डेढ़ दर्जन हत्याओं समेत दो दर्जन से ज्यादा अपहरण की वारदात पंजीबद्ध हैं. बबली कोल का रिकॉर्ड रहा है कि जब भी उसने किसी का अपहरण किया है उसे बिना फिरौती लिए नहीं छोड़ा.