एक दूसरे की DP देखना बंद नहीं कर सके 2 साल से अलग रह रहे कपल, फिर Facebook ने की मदद

डि़जिटल जमाने की इस लाइन को पूरा करती है मध्य प्रदेश की दमोह कि ये ताजा घटना जिसने दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी दो लोगों को वापस मिला भी सकती है.

डि़जिटल जमाने की इस लाइन को पूरा करती है मध्य प्रदेश की दमोह कि ये ताजा घटना जिसने दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी दो लोगों को वापस मिला भी सकती है.

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yogesh bhadauriya
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एक दूसरे की DP देखना बंद नहीं कर सके 2 साल से अलग रह रहे कपल, फिर Facebook ने की मदद

प्रतिकात्मक तस्वीर( Photo Credit : News State)

हम जानते हैं कि ये 21वी सदी है और इस सदी का सबसे क्रांतिकारी प्लेटफार्म फेसबुक और वॉट्सऐप है जो आसानी से हर किसी की जद में है. इस डिजिटल दौर के अनुसार जो एक शायरी सब से ज्यादा प्रभावशाली लगती है वह है कि, 'जरूरी नही मुहब्बत में रोज बाते हो छुप कर एक दूसरे की डीपी (DP) देखना भी इश्क है'. डि़जिटल जमाने की इस लाइन को पूरा करती है मध्य प्रदेश की दमोह कि ये ताजा घटना जिसने दिखाया कि कैसे टेक्नोलॉजी दो लोगों को वापस मिला भी सकती है.

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दरअसल दमोह में एक दंपती आपसी  विवाद के बाद 2 वर्षों से अलग-अलग रहे थे. हालांकि, उन दोनों के बीच वॉट्सऐप चैट का सिलसिला नहीं रुका था. अब उनका बिखरा हुआ रिश्ता फिर से जुड़ गया है. यह भी वॉट्सऐप पर हुई बातचीत के बाद ही संभव हो सका है. करवा चौथ पर पति ने अपनी पत्नी को वॉट्सऐप के जरिए विडियो कॉल की और उसका व्रत पूरा कराया, जिसके बाद उनके मन की दूरियां भी खत्म हो गईं.

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वर्ष 2017 में शादी के महज दो महीने बाद ही पति-पत्नी का विवाद शुरू हो गया था. विशाखा ने अपने पति दीपक अहिरवार और उसके परिवारवालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने का केस दर्ज कराया था. जल्द ही पति-पत्नी को मनाने के लिए कोशिश शुरू की गई. दीपक कहते हैं कि उनकी पत्नी ने केस किया था और यह सारी गलतफहमी विशाखा के रिश्तेदारों की वजह से पैदा हुई थी. दंपती को फिर से मिलाने वाले वकील मनीष नगैच कहते हैं कि दीपक और विशाखा दमोह के एक ही क्षेत्र में रहते थे. वे एक-दूसरे से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में थे.

कहते हैं ना कि जरूरी नही मुहूब्बत में रोज बाते हो छुप कर एक दूसरे की डीपी (DP) देखना भी इश्क है. मनीष ने कहा, 'वे दोनों वॉट्सऐप और सोशल मीडिया के अन्य माध्यमों में एक-दूसरे की पोस्ट को चेक करते रहते थे. इतना ही नहीं, उनके बीच इमोजी, गुड मॉर्निंग मेसेज का भी आदान-प्रदान होता था.' विशाखा कहती हैं कि उन्होंने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा, 'मैंने दीपक को फेसबुक पर सॉरी भी बोला था लेकिन वह समझौता करने को तैयार नहीं था.'

ऑनलाइन होने पर एक दूसरे से पूछते किस्से बात कर रहे हो

इन सबके बावजूद सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने एक-दूसरे से बातचीत नहीं बंद की. दोनों में से कोई भी अगर देर रात तक ऑनलाइन होता तो दूसरा उससे पूछ लेता कि किससे बात कर रहे हो. फिर करवा चौथ आया. विशाखा ने व्रत का स्टेटस अपलोड किया. वह कहती हैं, 'दीपक ने स्टेट देखा लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. रात के वक्त पूजा के समय उसने वॉट्सऐप के जरिए विडियो कॉल की. मैंने उसका चेहरा देखा और तसल्ली से बात की, फिर अपना व्रत पूरा किया.'

'फिर साथ आ गए विशाखा और दीपक'

अगले दिन दीपक ने विशाखा को एक दुकान से लड्डू भेजे. विशाखा ने वॉट्सऐप के जरिए दीपक को धन्यवाद कहा. जिस अदालत में दहेज उत्पीड़न के मामले की सुनवाई हो रही थी, उसे यह बात पता चली. इस मामले को फैमिली कोर्ट में भेज दिया गया और मनीष ने दोनों के बीच समझौता करा दिया. अब वे एक-दूसरे के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं.

Source : News Nation Bureau

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