न फेरे, न मंगलसूत्र, संविधान की शपथ ली और हो गई अनोखी शादी
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक अनोखी शादी हुई. इसमें ना तो फेरे हुए, न ही अन्य वैवाहिक रस्में हुईं. बल्कि नवयुगल ने संविधान की शपथ लेकर जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहने का संकल्प लिया.
लखनऊ:
मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में एक अनोखी शादी हुई. इसमें ना तो फेरे हुए, न ही अन्य वैवाहिक रस्में हुईं. बल्कि नवयुगल ने संविधान की शपथ लेकर जीवन भर एक-दूसरे के साथ रहने का संकल्प लिया. भारती नगर निवासी विष्णु प्रसाद दोहरे के पुत्र हेमंत और जयराम भास्कर की पुत्री मधु रविवार को परिणय सूत्र में बंधे. यह शादी कई मायनों में अनोखी रही.
विवाह समारोह में न मांग में सिंदूर भरा गया और न ही मंगलसूत्र पहनाया गया. अग्नि के सात फेरे भी विवाह में देखने को नहीं मिले. दूल्हा हेमंत हाथ में संविधान की किताब लेकर वधु के घर पहुंचा. वर-वधु के स्टेज पर भगवान बुद्ध और डॉ भीमराव अंबेडकर की फोटो रखी हुई थी.
इसे साक्षी मानकर कार्यक्र की शुरुआत हुई. शादी के निमंत्रण पर भी बुद्ध और डॉ. अंबेडकर का फोटो लगा था. गौतम बुद्ध के संदेश विवाह के निमंत्रण पर लिखा जाता है. मंच पर एक व्यक्ति ने नवयुगल को संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई, और शादी पूरी हो गई. दूल्हे हेमंत ने कहा, "संविधान हमें सम्मान दिलाता है, इसलिए शादी में संविधान की प्रस्तावना की शपथ ली."
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