Coronavirus: तेजी से पैर पसार रहा है कोरोना, अचानक मामलों में आई इतने फीसदी की बढ़ोतरी, क्या फिर लगेगा लॉकडाउन?

कोविड-19 के मामलों में एक बार फिर तेजी देखने को मिल रही है. कोरोना के ये आंकड़े डराने वाले हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए दोबारा लॉकडाउन लगने का डर सता रहा है.

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Dheeraj Sharma
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Coronavirus Cases Increased by 30 percent

Coronavirus: कोरोना महामारी के खत्म होने के बाद जब लोग सामान्य जीवन की ओर लौटने लगे थे, तब एक बार फिर बीमारियों की आहट ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।  देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए मामले सामने आने लगे हैं. खास तौर पर  मध्यप्रदेश में कोविड 19 के मामलों में तेजी देखने को मिली है.  राजधानी भोपाल में इन दिनों अस्पतालों की ओपीडी में वायरल बुखार, पेट दर्द, उल्टी और सांस संबंधी शिकायतों के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इन लक्षणों में से कई कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं, जिससे लोगों में एक बार फिर डर का माहौल बन रहा है। हालात ऐसे ही रहे तो हो सकता है एक बार फिर लॉकडाउन जैसे हालात बन जाएं. 

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कोरोना जैसे लक्षण, पर विशेषज्ञों की अलग राय

भोपाल के प्रमुख सरकारी अस्पतालों में ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि, श्वास रोग विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि ये मामले कोरोना नहीं हैं। डॉक्टरों के अनुसार, इस तरह की श्वसन संबंधी समस्याएं खासतौर पर उन लोगों में पाई जा रही हैं जिन्हें पहले से एलर्जी, अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियां हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि मौसमी बदलाव और बढ़ते प्रदूषण के कारण ब्रोंकाइटिस के लक्षण तीव्र हो जाते हैं। ऐसे मरीजों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।

सावधानी ही बचाव है: अपनाएं ये जरूरी उपाय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने संक्रमण से बचने के लिए निम्नलिखित एहतियाती उपायों को अपनाने की सलाह दी है:

- बाहर जाते समय एन-95 मास्क का उपयोग करें।

- घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां प्रदूषण अधिक है।

- अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को अपनी नियमित दवाएं समय पर लेते रहना चाहिए।

- यदि लक्षणों में अचानक कोई बदलाव महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मानसून के साथ बढ़ेगा संक्रमण का खतरा

स्वास्थ्य विभाग केवल वायरल संक्रमण ही नहीं, बल्कि डेंगू को लेकर भी सतर्क हो गया है। जिला चिकित्सालय और जेपी हॉस्पिटल में डेंगू के लिए 10 बेड का विशेष वार्ड तैयार कर लिया गया है। डॉक्टरों की एक टीम ने हाल ही में इस वार्ड का निरीक्षण भी किया, जहां यह निर्णय लिया गया कि आवश्यकता पड़ने पर और भी बेड जोड़े जा सकते हैं।

15 जून से बढ़ेंगे डेंगू के मरीज

डॉक्टरों का मानना है कि 15 जून के बाद, जब मानसून सक्रिय होगा, डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने लगेगी। एडिस मच्छर, जो डेंगू फैलाने का मुख्य कारण होता है, मानसून में तेजी से प्रजनन करता है। इसलिए बरसात शुरू होते ही लोगों को जल जमाव और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

जेपी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि अस्पताल पूरी तरह से तैयार है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर ली गई है।

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