logo-image

मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार को बचाएगा कोरोना वायरस! यहां जानें पूरा समीकरण

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जहां सियासी दंगल जारी है तो वहीं देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर हाहाकर मचा हुआ है.

Updated on: 15 Mar 2020, 11:36 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जहां सियासी दंगल जारी है तो वहीं देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) को लेकर हाहाकर मचा हुआ है. कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक जगह पर ज्यादा संख्या में लोगों को एकत्रित नहीं होना चाहिए, इसलिए कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज, सिनेमा हॉल और मॉल बंद कर दिए गए हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश में भी कमलनाथ सरकार बजट सत्र को स्थगति कर सकती है, जिससे उन्हें अपने विधायकों को मनाने का समय मिल सकता है.

यह भी पढ़ेंःमध्य प्रदेश को लेकर अमित शाह और सिंधिया के बीच हुई हाई लेवल बैठक, ये बनी रणनीति

कांग्रेस के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज होकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं. सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद से कमलनाथ सरकार अल्पमत में दिख रही है. प्रतिपक्ष नेता गोपाल भार्गव ने जहां राज्यपाल से मुलाकात की तो उधर विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के इस्तीफा देने वाले 22 विधायकों में से 13 को नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि विधायक आज और कल उनके सामने उपस्थित हों और बताएं कि उन्होंने अपने मन से इस्तीफा दिया है या किसी के दबाव में.

अब ऐसा लग रहा है कि विधानसभा का बजट सत्र आगे बढ़ने में कांग्रेस और कमलनाथ सरकार की भलाई है. क्योंकि, सत्र शुरू होते ही बीजेपी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कह सकती है और नंबर सरकार के पक्ष में नहीं है. जिस तरह से कोरोना वायरस की डर और भय से तमाम आयोजन और सरकारी कार्यक्रम टाले जा रहे हैं तो ऐसे में स्पीकर चाहे तो बजट सत्र को कुछ दिनों को स्थगित कर सकते हैं, ताकि इस बीच कमलनाथ को नाराज विधायकों को मनाने का मौका मिल जाएगा. अगर स्पीकर चाहे तो बजट सत्र को कुछ दिनों को स्थगित कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंःपाकिस्तान ने सार्क देशों के सामने एक बार फिर नापाक हरकत, Corona Virus की जगह कश्मीर का उठाया मुद्दा

मध्य प्रदेश विधानसभा में सीटों का गणित

बता दें कि मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है. कांग्रेस के पास अपने 114 विधायक हैं और उसे बहुजन समाज पार्टी के एक, समाजवादी पार्टी के एक तथा चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. यानी कांग्रेस के पास जरूरत से ज्यादा चार विधायकों का समर्थन प्राप्त है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की बात करें तो उसके पास 109 विधायक हैं सरकार बनाने के लिए सात विधायकों की जरूरत पड़ेगी.