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कांस्टेबल मीनाक्षी वर्मा बनी एक दिन की गृहमंत्री

गृहमंत्री मिश्रा ने मीनाक्षी को एक दिन का गृहमंत्री बनाए जाने पर कहा कि "नारी का सम्मान जहां हैं, संस्कृति का उत्थान वहां." महिला दिवस के मौके पर निवास स्थित कार्यालय पर होने वाली जनसुनवाई आरक्षक मीनाक्षी वर्मा ने की.

Updated on: 08 Mar 2021, 06:15 PM

highlights

  • मध्य प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कई नवाचार किए गए.
  • कटनी में साहसी युवती को एक दिन का कलेक्टर बनाया गया.
  • आरक्षक मीनाक्षी वर्मा को एक दिन का गृह मंत्री बनाया गया.

भोपाल:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women Day) पर कई नवाचार किए गए, इनमें कटनी में जहां साहसी युवती को एक दिन का कलेक्टर बनाया गया तो वहीं राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आरक्षक मीनाक्षी वर्मा (Constable Meenakshi Verma) को एक दिन का गृह मंत्री बनाया. मीनाक्षी ने इस दौरान लोगों की समस्याएं सुनी और मंत्री खुद उनके बाजू में बैठे. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी कुर्सी पर मीनाक्षी को बैठाया. इसके बाद वे खुद बगल की आम जन की कुर्सी पर बैठे. इस दौरान मीनाक्षी ने आमजन की समस्याओं को सुना.

गृहमंत्री मिश्रा ने मीनाक्षी को एक दिन का गृहमंत्री बनाए जाने पर कहा कि "नारी का सम्मान जहां हैं, संस्कृति का उत्थान वहां." महिला दिवस के मौके पर निवास स्थित कार्यालय पर होने वाली जनसुनवाई आरक्षक मीनाक्षी वर्मा ने की. उन्होंने गृहमंत्री की कुर्सी पर बैठकर न सिर्फ नागरिकों की समस्याएं सुनीं बल्कि उनके निराकरण के निर्देश भी दिए.

बता दें कि मध्य प्रदेश के कटनी जिले में मनचलों से भिड़कर उन्हें सबक सिखाने वाली अर्चना केवट को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सम्मान स्वरुप उन्हें एक दिन का सांकेतिक तौर पर कटनी का कलेक्टर बनाया गया. इस दौरान कलेक्टर की हैसियत से बैठकों के साथ कामों का निपटारा भी किया. कटनी के मेहगांव की अर्चना केवट ने दो मासूम बालिकाओं से छेड़छाड़ करने वाले युवकों से लड़ाई लड़ी थी, मनचलों ने अर्चना से भी मारपीट की थी मगर वह हारी नहीं और उसने गांव वालों के सहयोग से इन मनचलों को पुलिस के हवाले कर दिया था.

अर्चना के साहस को देखते हुए पिछले दिनों शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, मंत्री प्रताप सिंह और संजय पाठक ने मंच से सम्मानित किया था और अब उन्हे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक दिन की कलेक्टरी दी गई है. अर्चना पुलिस सब इंस्पेक्टर बनना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने प्रयास भी किया, मगर वह सफल नहीं हो पाईं.