Farmers Protest: राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं, नीतीश PM मोदी पर डालें दबाव: दिग्विजय सिंह
आज 24 राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाला है. ये सभी पार्टियां, राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगी.
भोपाल:
आज 24 राजनीतिक दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाला है. ये सभी पार्टियां, राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करेंगी. लेकिन इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दबाव डालने की बात कही है.
उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा, 'राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी कानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है. मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है. इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं. नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए.'
राष्ट्रपति जी से किसान विरोधी क़ानून को वापस लेने के लिए 24 राजनैतिक दलों का डेलीगेशन आज मिलने जा रहा है. मुझे महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है. इन 24 राजनैतिक दलों को NDA में उन सभी दलों से भी चर्चा करना चाहिए जो किसानों के साथ हैं. नितीश जी को मोदी जी पर दबाव डालना चाहिए
— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 9, 2020
दिग्विजय सिंह ने आगे ये भी लिखा, टइस किसान आंदोलन ने गांधी जी को जिंदा कर दिया. मानो जैसे गांधी जी जाग गए हों इन किसानों की रगों में लहू बनकर. गांधी जी के सत्याग्रह को अपनाकर किसानों ने समूचे देशवासियों में लड़ने की अलख जगाई है.'
बता दें कि सभा सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को नये कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हमला बोलने के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पर भी निशाना साधा.
उन्होंने ‘भारत बंद’ के दौरान यहां छावनी क्षेत्र स्थित संयोगितागंज अनाज मंडी में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई करते हुए सिंह ने कहा, "भागवत (संघ समर्थित) भारतीय किसान संघ (बीकेएस) से कहें कि वह नये कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर (आंदोलनरत) किसानों के साथ खड़ा रहे और धरना दें. अगर वे ऐसा नहीं करेंगे, तो हम मानेंगे कि आप सब नाटक-नौटंकी केवल वोट के लिए करते हैं और समाज एवं धर्म के नाम पर महज राजनीति करते हैं."
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उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, 'नये कृषि कानून गरीबों को सस्ता अनाज मुहैया कराने वाली उचित मूल्य की दुकानें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से फसलों की खरीदी समाप्त करने के षड्यंत्र की शुरूआत हैं, ताकि बड़े उद्योगपति किसानों, मजदूरों और छोटे व्यापारियों का शोषण कर सकें.'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'गेहूं, चना और सोयाबीन सरीखी फसलें एमएसपी से नीचे बिकने के कारण किसानों को घाटा हो रहा है. आखिर हम अन्नदाताओं को लेकर मोदी के वचनों पर भरोसा कैसे करें?" उन्होंने मोदी सरकार पर हमले जारी रखते हुए कहा, "जैसा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी के संरक्षण में सूट-बूट की सरकार चल रही है, जबकि दूसरी ओर गरीब, किसान, छोटे व्यापारी, मजदूर, हम्माल और तुलावटी हैं.'
राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार से नये कृषि कानूनों को तत्काल वापस लेने की मांग की और कहा कि प्रधानमंत्री सर्वदलीय संसदीय समिति बनाकर किसानों के मसले सुलझाएं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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