logo-image

प्रभारी मंत्री के सामने ही भिड़ गए कांग्रेस के कार्यकर्ता, उछाली गईं कुर्सियां

कांग्रेस में बड़े नेता लाख दावे करें लेकिन अनुशासनहीनता खत्म नहीं हो रही है . इसकी एक तस्वीर ग्वालियर में रविवार की शाम को देखने को मिली जब प्रभारी मंत्री उमंग सिंगार कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करने पहुंचे थे.

Updated on: 23 Sep 2019, 12:53 PM

highlights

  • उमंग सिंघार के सामने ही भिड़े कार्यकर्ता
  • एक बार फिर दिखी कांग्रेस में गुटबाजी
  • हंगामें के दौरान कार्यकर्ताओं ने उछाली कुर्सियां

ग्वालियर:

कांग्रेस में बड़े नेता लाख दावे करें लेकिन अनुशासनहीनता खत्म नहीं हो रही है . इसकी एक तस्वीर ग्वालियर में रविवार की शाम को देखने को मिली जब प्रभारी मंत्री उमंग सिंगार कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करने पहुंचे थे. उनके साथ मंत्री लाखन सिंह यादव भी थे.

यह भी पढ़ें- तीन सड़क हादसों में बीजेपी नेता के भाई समेत चार लोगों की मौत

जिस समय उमंग सिंघार मीटिंग करने पहुंचे उस समय कांग्रेस कार्यालय में तकरीबन 200 से ज्यादा कार्यकर्ता करते थे. बताया जा रहा है कि एक कार्यकर्ता द्वारा दूसरे कार्यकर्ता को भाजपा का दलाल कहने पर हंगामा हो गया. हंगामे के चलते प्रभारी मंत्री बीच में ही बैठक छोड़कर चले गए.

यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के महिला कॉलेजों में बनेगी पुलिस चौकी, उच्च शिक्षा विभाग ने दिए निर्देश

इतना ही नहीं दोनों मंत्रियों के साथ कांग्रेस के विधायक जाने लगे तो उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई. कुर्सियां भी तितर-बितर कर दी गईं. बैठक की शुरुआत सामान्य रही. लेकिन जब एक कार्यकर्ता बोलने के लिए खड़ा हुआ तो वहां मौजूद दूसरे कार्यकर्ताओं ने उसे बीजेपी का दलाल कहा.

यह भी पढ़ें- MP: हर पार्टी में रहा हुस्न की मलिकाओं का जलवा! नए-नए खुलासे आए सामने 

इसके साथ ही अपशब्द भी कहे. वहां मौजूद कुछ कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भी अपशब्द कहे. जिसके बाद वहां मौजूद सिंधिया समर्थक कार्यकर्ता भड़क गए. उन्होंने इसका विरोध किया. थोड़ी ही देर में बैठक हंगामे में बदल गई. जिंदाबाद-मुर्दाबाद के नारे भी लगने लगे.

यह भी पढ़ें- शिवराज सिंह चौहान ने दिन में दिया धरना और रात में गाए भजन, कांग्रेस ने ली चुटकी 

हंगामे को लेकर प्रभारी मंत्री ने जिलाध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा से नाराजगी जताई. हंगामा बढ़ता देख बैठक में मौजूद पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, विधायक प्रवीण पाठक समेत अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री को भीड़ से निकाला. वहां से वह उन्हें अध्यक्ष के कमरे में ले जाया गया.

बाद में प्रभारी मंत्री ने एक-एक कार्यकर्ता से मुलाकात की. यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन में रहने को कहा. प्रभारी मंत्री के सामने ही कार्यकर्ताओं की ऐसी हरकर दिखाती है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में कितनी मजबूत है. अनुशासनहीनता की चेतावनी के बाद भी गुटबाजी पर नियंत्रण करना असंभव लग रहा है.