मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अंतर्कलह आई सामने, सिंधिया के सामने कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर फेंकी कुर्सियां

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने रविवार को खूब हंगामा किया.

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने रविवार को खूब हंगामा किया.

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Deepak Pandey
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मध्य प्रदेश में कांग्रेस की अंतर्कलह आई सामने, सिंधिया के सामने कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर फेंकी कुर्सियां

प्रतीकात्मक फोटो

मध्य प्रदेश में कांग्रेसियों के बीच का विवाद खुलकर सामने आ गया है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने रविवार को खूब हंगामा किया. उन्होंने एक-दूसरे पर कुर्सियां फेंकीं. इससे नाराज होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यक्रम के बीच से ही निकल गए. बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के बीच प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अंतर्कलह चल रही है, जोकि रविवार को खुलकर सामने आ गया.

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बताया जाता है कि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एक दिवसीय के दौरे पर इंदौर पहुंचे थे. वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्वागत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया था. कार्यक्रम में पहुंचे सिंधिया जब मंच पर मौजूद थे तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी स्टेज पर चढ़ने की होड़ लग गई.

मंच पर चढ़ने के लिए कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. देखते ही देखते बात कुर्सियां उछालने तक जा पहुंचीं. कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर कुर्सियां उछालनी शुरू कर दीं. ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यकर्ताओं की इस हरकत से नाराज हो गए और मंच से उतर गए. वह कार्यक्रम से बीच में ही चले गए. वहीं, कार्यक्रम में सिंधिया ने कहा, भाजपा की विचारधारा देश को आर्थिक मंदी में रखना है और साथ ही अपने एजेंडे पर काम करना है.

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बता दें कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी कुछ समय पहले शुरू हुई. सिंधिया के समर्थक खुल कर सामने आ रहे हैं. सबसे पहले दतिया जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक दांगी ने चेतावनी दी कि अगर सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश कमेटी का अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वे इस्तीफा दे देंगे. इसके बाद मुरेना जिला के कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मवाई भी उनके समर्थन में आ गए.

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री एक आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, जिससे सिंधिया के प्रदेश अध्यक्ष बनने के आसार अपने आप खत्म हो जाते हैं. सोनिया के पार्टी का अंतरिम प्रमुख बनने के बाद कमलनाथ उनसे पहली बार नहीं मिल रहे हैं. हाल ही में सिंधिया द्वारा पार्टी छोड़ने की धमकी देने के बाद कमलनाथ को 10 जनपथ बुलाया गया था, जहां गांधी ने प्रदेश कांग्रेस में अनुशासनात्मक मुद्दे उठाए थे.

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