मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस को सरकार गिरने का भय सता रहा है. इसी वजह से मुख्यमंत्री कमलनाथ विधायकों पर नजर रख रहे हैं. प्रदेश में कांग्रेस विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग की संभावना को देखते हुए कमलनाथ (Kamalnath) को अपने विधायकों पर पूरी तरह नजर रखने को कहा गया है. मुख्यमंत्री फिलहाल भोपाल छोड़कर कहीं नहीं जा रहे हैं. दिल्ली में हुई CWC की बैठक को वो इसी कारण से छोड़ चुके हैं.
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दरअसल, कांग्रेस को भय है कि नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश में सक्रिय होकर उसकी सरकार को गिरा सकती है. वहीं राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली में ही रोक कर रखा है, जिसके कारण उनका गुना दौरा रद्द हो गया है.
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इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार रात विधायकों की बैठक भी बुलाई थी. बैठक में उन्होंने सभी विधायकों से एकजुट रहने के साथ ही उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए तय समय सीमा में कार्रवाई करने का मंत्रियों को निर्देश दिए थे. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के एक-एक मंत्री को पांच-पांच विधायकों की समस्याओं और उनके द्वारा उठाए जाने वाले मसलों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए थे. जबकि निर्दलीय और सपा, बसपा विधायकों से मुख्यमंत्री सीधे संपर्क में हैं.
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गौरतलब है कि 230 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 109 विधायक हैं. कांग्रेस की सरकार बसपा के दो, सपा का एक और निर्दलीय चार विधायकों के समर्थन से बनी है. ऐसे में बीजेपी की नजर निर्दलीय, बसपा और सपा के विधायकों पर है.
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