मध्य प्रदेश में OBC वर्ग को 27% आरक्षण दिए जाने को लेकर एक बार फिर बड़ा सियासी संग्राम शुरू हो गया है. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट के साफ आदेश के बावजूद सरकार जानबूझकर OBC समाज को उनका संवैधानिक अधिकार देने से पीछे हट रही है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भूपेश बघेल ने कहा कि मध्य प्रदेश की लगभग 50 प्रतिशत आबादी OBC समुदाय की है, लेकिन सरकार उन्हें उनका हक देने में विफल रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 28 जनवरी 2025 को 27 प्रतिशत आरक्षण को वैध करार दिया था और विरोध में दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. बावजूद इसके, राज्य सरकार ने आज तक इसे लागू करने की पहल नहीं की.
भूपेश बघेल ने बताया कि 25 जून 2025 को भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट पूछा कि जब कोई कानूनी बाधा नहीं है, तो 27% आरक्षण अब तक क्यों नहीं दिया गया? कोर्ट ने सरकार को 4 जुलाई तक रिपोर्ट देने का निर्देश भी दिया है.
कांग्रेस नेताओं ने अपने कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने OBC को 14% आरक्षण दिया था और 2003 में इसे 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की थी. मगर सरकार ने इसे रोक दिया. 2019 में कमलनाथ सरकार ने OBC आरक्षण के लिए अध्यादेश लाकर कानून पास किया, पर सत्ता परिवर्तन और कोर्ट केस की वजह से प्रक्रिया अटक गई.
कांग्रेस का आरोप है कि सुनियोजित तरीके से अदालत में जनहित याचिकाएं दाखिल कर OBC आरक्षण को लटकाने की साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि छह साल से OBC छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है. सरकारी विभागों में रोस्टर सिस्टम लागू नहीं होने से हजारों आरक्षित पद खाली हैं.
कांग्रेस ने चार प्रमुख मांगें रखीं:
★ 27% OBC आरक्षण को तत्काल लागू किया जाए.
★ 6 साल से वंचित छात्रों को नियुक्तियां दी जाएं.
★ उनका बकाया वेतन जारी किया जाए.
कांग्रेस ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. वहीं इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल जय हिंद ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने देश को दुनिया का बेहतरीन और सबसे प्रगतिशील संविधान दिया.