पश्चिमी मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में भी इन दिनों ठंड का कहर देखने को मिल रहा है. खासतौर पर फसलों पर और इसको लेकर किसान काफी चिंतित हैं क्योंकि पाला पड़ने से उनकी फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. जी हां इन दिनों प्रदेश सहित पूरे देश में ठंड का कहर देखने को मिल रहा है. ऐसे में सबसे अधिक परेशान किसान है. जो अपने दो वक्त की रोटी के लिए दिन-रात खेतों में मेहनत करते हैं, लेकिन इस ठंड की मार ने उनके जीवन को प्रभावित कर दिया है. अत्यधिक ठंड पड़ने के कारण फसल खराब हो रही है. उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
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किसानों का कहना है कि ठंड पड़ने से फसल खराब हो जाती है. जिससे पैदावार प्रभावित होती है. साथ ही साथ ही फसल भविष्य में भी फल देने के लायक नहीं रह जाती है. उनका कहना है जहां एक ओर कम वर्षा के कारण मानसून प्रभावित हुई और धान की फसल बर्बाद हो गई. अब दूसरी ओर सब्जी की खेती ठंड से प्रभावित हो रही है. जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान सहना पड़ रहा है. झाबुआ जिले के ग्राम अन्तखेड़ी में कुछ इस तरह की स्थिति देखी जा सकती है. जंहा टमाटर, कपास की फसल ठंड से काफी प्रभावित हुई है.
कुछ दिन पहले तक खेतों में लहलहाते सब्जी के खेत देखे जा सकते थे, लेकिन जिस तरह से अचानक से ठंड बढ़ी है. ऐसे में कई एकड़ जमीन में लगे सब्जी बर्बाद हो रही है. जिससे आर्थिक नुकसान भी हो रही है. उन्होंने यह भी कहा फसल बर्बाद होने के कारण बाजार में भी सब्जी के भाव आसमान छू रहे हैं. उनका कहना है कि ठंड के समय में सब्जी सस्ती होती थी. लेकिन जिस तरह से ठंड पड़ी है ऐसे में सब्जी का उत्पादन प्रभावित हुआ है और सब्जी बाजार में नहीं पहुंच रही है.
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टमाटर की फसल हुई बर्बाद - किसानों का कहना है कि यह ठंड का कहर सब्जी के ऊपर एसिड की तरह काम करता है. अत्यधिक ठंड पड़ने के बाद फसल जल जाती है और इसे रोकने का भी कोई उपाय नहीं है. अगर पेटलावद क्षेत्र की बात की जाए तो यहां सबसे अधिक टमाटर की फसल बर्बाद हुई है. साथ ही साथ हरी सब्जी भी बर्बाद हो गई है. किसानों कहना है की पेटलावद क्षेत्र से टमाटर देश के कोने-कोने में जाता है. वहीं उच्च कोटि के टमाटर विदेशों में भी भेजा जाता है. लेकिन जिस तरह से ठंड पड़ी है. उसके कारण टमाटर की खेती प्रभावित हुई है. इस साल उन्हें जबरदस्त घाटा भी होने की आशंका जताई जा रही है.
Source : News Nation Bureau