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महाकाल मंदिर में दर्शन को पहुंचे CM, टूटा कोरोना नियम...भगदड़ में कई घायल

विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए सोमवार को शाम 2 घंटे के लिए द्वार खोले गए. सावन के पहले सोमवार के मौके पर दर्शन के लिए अंदर जाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई और वो एक दूसरे पर चढ़ गए.

Updated on: 27 Jul 2021, 09:39 AM

highlights

  • महाकाल मंदिर में उमड़ी भीड़
  • कोरोना नियम का नहीं हुआ पालन
  • भारी भीड़ से मची भगदड़, कई घायल

 

उज्जैन:

विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए सोमवार को शाम 2 घंटे के लिए द्वार खोले गए. सावन के पहले सोमवार के मौके पर दर्शन के लिए अंदर जाने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई और वो एक दूसरे पर चढ़ गए. उज्जैन स्थिति महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) में सोमवार को भगदड़ जैसे हालात होने के चलते कई महिलाएं और बच्चे घायल हो गए. मंदिर के गेट नंबर 4 से श्रद्धालु सुरक्षा घेरे तो तोड़ते हुए धक्का-मुक्की के साथ अंदर घुसने लगे. बड़ा हादसा होते होते बच गया. बताया जा रहा है कि मंदिर में दर्शन करने के लिए आए वीआईपी लोगों के साथ मंदिर में भीड़ उमड़ पड़ी जिसके चलते हालात नियंत्रण से बाहर हो गए. सावन के पहले सोमवार के मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत कई वीआईपी दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे थे.

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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में नजर आ रहा है कि मंदिर के गेट नंबर 4 से श्रद्धालु सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए धक्का-मुक्की के साथ अंदर घुसने लगे जिससे भगदड़ जैसे हालात पैदा हो गए. राहत की बात यह रही कि बढ़ा हादसा होने से टल गया और किसी की जान नहीं गई. वीडियो में नजर आ रहा है कि स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए तैनात पुलिस के साथ भी धक्का मुक्की की जा रही है.

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मंदिर को पिछले महीने भी खोला गया था, लेकिन उसके अंदर जाने की मंजूरी केवल उन्हें ही थी, जिन्होंने कम से कम वैक्सीन की एक खुराक ले ली हो या फिर 48 घंटे पुरानी नेगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होती थी. सुबह 6 से शाम 8 बजे के बीच एक दिन में कुल 3500 श्रद्धालुओं को अंदर जाने की मंजूरी थी. इसके लिए दो-दो घंटे के सात टाइम स्लॉट बना गए थे. इन दो घंटे में केवल 500 लोग ही अंदर जा सकते थे. लेकिन आज उमा भारती और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जैसे वीआईपी अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंदिर पहुंचे. इसके बाद श्रद्धालुओं के साथ-साथ प्रशासन के लिए भी स्थिति और कठिन हो गई.