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एमपी को 'आत्मनिर्भर' बनाने के लिए शिवराज सरकार ने शुरू की तैयारी

कोरोनावायरस से हुए लॉकडाउन के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर तैयारी शुरू कर दी हैं.

Updated on: 02 Aug 2020, 01:33 PM

भोपाल:

कोरोनावायरस से हुए लॉकडाउन के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था चरमरा सी गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  के ड्रीम प्रोजेक्ट पर तैयारी शुरू कर दी हैं. इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को 15 अगस्त तक रोडमेप तैयार करने को कहा है. सुशासन, अर्थव्यवस्था, रोजगार, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किस तरीके से प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाए, इसका रोडमैप तैयार किया जाएगा.

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शिवराज सरकार आत्मनिर्भर रोडमैप के जरिए मध्य प्रदेश के हर जिले को उसकी अलग पहचान देने की कोशिश करना चाहती है. प्रदेश में केला उत्पादन के लिए बुरहानपुर, चंदेरी साड़ी के लिए अशोकनगर, संगमरमर के लिए जबलपुर, लकड़ी के खिलौनों के लिए होशंगाबाद मशहूर हैं. इसी तरीके से हर जिले की अपनी एक अलग पहचान बना कर उसको आत्मनिर्भर बनाने के लिए काम किया जाएगा.

सीएम शिवराज ने अफसरों के साथ-साथ मंत्रियों से भी आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को लेकर सुझाव देने को कहा है. मंत्री आम लोगों के साथ चर्चा कर सुझाव लेेंगे और इन सुझावों के आधार पर सरकार आत्मनिर्भर योजना का प्लान तैयार करेगी.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत और विश्व की भलाई और समृद्धि के लिए जो कुछ भी कर सकता है, वह करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' का मतलब यह नहीं है कि विश्व के लिए दरवाजे बंद हो गए. इसका मतलब है कि घरेलू उत्पादों और वैश्विक सप्लाई चैन का मिश्रण.

पीएम ने कोरोना संकट के इस दौर में भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था. इस पैकेज को आत्मनिर्भर भारत अभियान का नाम दिया गया है.