महिलाओं के सशक्तिकरण से एमपी बनेगा सशक्त : शिवराज
मुख्यमंत्री चौहान ने स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों और विपणन के लिये विकसित स्व-सहायता पोर्टल का शुभारंभ किया. साथ ही स्व-सहायता समूहों को सिंगल क्लिक से सामुदायिक निवेश निधि की राशि अंतरित की.
भोपाल:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्व-सहायता समूहों को ऋण वितरण कार्यक्रम में कहा कि सशक्त महिलाएं ही प्रदेश को सशक्त बनाएंगी. केवल बड़े उद्योग आने से कोई प्रदेश बड़ा नहीं बनता. घर-घर की आत्मनिर्भरता से आत्मसम्मान और विश्वास पैदा होता है. राजधानी के मिंटो हॉल में रविवार को आयोजित स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण वितरण के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में चौहान ने कहा कोरोना काल में महिलाओं के स्व-सहायता समूहों ने देश के सामने नई मिसाल प्रस्तुत की है. यह क्रम आगे भी जारी रहेगा और इसका विस्तार होगा. अब-तक 33 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी है. हमें अगले तीन साल में 33 लाख और महिलाओं को समूहों से जोड़कर आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करना है.
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मुख्यमंत्री चौहान ने स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों और विपणन के लिये विकसित स्व-सहायता पोर्टल का शुभारंभ किया. साथ ही स्व-सहायता समूहों को सिंगल क्लिक से सामुदायिक निवेश निधि की राशि अंतरित की. प्रदेश में 164 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के प्रतीक स्वरूप कुछ महिला स्व-सहायता समूहों को स्वीकृत ऋण के चेक भी दिए गए.
महिला सशक्तिकरण और बालिका कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यो की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बहन-बेटियों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार हर पहलू पर कार्य कर रही हैं. लाड़ली लक्ष्मी योजना की शुरूआत हो या स्कूलों में पढ़ाई के लिए दी जाने वाली सुविधाएं, लक्ष्य यही है कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिलें. आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये स्व-सहायता समूहों से महिलाओं को जोड़ा गया है, यह पहल एकता में शक्ति के सिद्घांत पर की गयी.
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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकारी खरीद में स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जाएगी. आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरित होने वाले रेडी-टू-इट पोषण आहार का उत्पादन और वितरण भी स्व-सहायता समूह करेंगे. शाला स्तर पर गणवेश का कार्य भी स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित किया जाएगा. इसमें स्व-सहायता समूहों को पूर्ण स्वायत्तता दी जाएगी. स्व-सहायता समूह को दिए जाने वाले कर्ज पर सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बैंकों के माध्यम से ऋण सीमा 300 करोड़ से बढ़ाकर 1400 करोड़ रुपये कर दी गई है. यह भी निर्णय लिया गया है कि बैंक ब्याज दर चार प्रतिशत से ज्यादा नहीं होगी. इसके उपर का ब्याज राज्य सरकार देगी.
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