मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में किसानों की समस्याओं और बोनस पर चर्चा के दौरान बीजेपी पर जमकर हमला बोला और कहा कि "मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है." विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनुपूरक बजट में किसानों को उपज पर बोनस देने का प्रावधान न किए जाने का जिक्र किया और कहा कि सरकार बोनस न देने की बात पूरी तरह नकार रही है, जबकि बोनस देने का वादा किया था. इस पर बीजेपी विधायकों और सत्तापक्ष के विधायकों में बहस हुई. हंगामा बढ़ने पर कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित की गई.
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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि किसानों को बोनस देने के कारण केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के निर्धारित कोटे से सात लाख टन खाद्यान्न खरीदने से इनकार कर दिया. यह दुखद है कि किसानों को बोनस देने के कारण केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर सूचित किया है कि प्रदेश से खरीदे जाने वाले खाद्यान्न के कोटे में से 7 लाख टन खाद्यान्न केंद्र सरकार नहीं लेगी. अतिवृष्टि से हुए नुकसान के लिए भी केंद्र से पर्याप्त सहायता राज्य सरकार को नहीं मिली.
बीजेपी विधायकों के सवाल का जवाब देते हुए कमलनाथ ने कहा, 'यहां पर सदन में खड़े होकर कुछ भी कह देना आसान है, मगर एक बात याद रखिएगा कि मुंह चलाने और सरकार चलाने में अंतर होता है.' मुख्यमंत्री के इस बयान पर हंगामा हो गया. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने विरोध दर्ज कराया. विपक्षी विधायक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी अपनी बात रखी.
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वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में कहा कि प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगार युवाओं की संख्या एक साल में 7 लाख से बढ़कर लगभग 28 लाख हो गई है. इस दौरान करीब 34 हजार युवाओं को रोजगार मिला. विधानसभा में कमलनाथ ने बताया, 'अक्टूबर 2018 में प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोजगारों की संख्या 20,77,222 थी, इस साल अक्टूबर 2019 में यह 27,79,725 हो गई. पिछले एक साल में आयोजित जॉब फेयर में 17,506 युवाओं को नौकरी के लिए चुना गया, जबकि प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान 2,520 युवाओं को नौकरी के लिए चुना गया. इसके अलावा एमपी में 25 नए उद्योग स्थापित करने के कारण 13,740 पद सृजित हुए हैं.'
Source : आईएएनएस