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मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद विभाग के बीच बंटवारों को लेकर जारी विवाद और गुटबाजी पर विराम लगाते हुए सीएम कमलनाथ ने मंत्रालयों का बंटवारा कर दिया है. उन्होंने उद्योग नीति, निवेश, विज्ञान और तकनीक जैसे मंत्रालय खुद के पास रखे हैं जबकि बाला बच्चन को गृह विभाग का मंत्री बनाया गया है. वहीं जीतू पटवारी को उच्च शिक्षा, खेल और युवा कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. दिग्विजय सिंह के बेट जयवर्धन सिंह को शहरी प्रशाबसन और हाउसिंग विभाग का मंत्री बनाया गया है.
यहां देखिए विभाग बंटवारे की पूरी लिस्ट किसे क्या मिला?
CM Kamal Nath keeps key portfolios including public relations, industrial policy, investment promotion, science&technology, non-resident Indian department,etc. Jitu Patwari gets Sports and Youth Welfare, Higher Education. Jaivardhan Singh gets Urban Administration and Housing https://t.co/C2wV17yvRZ
— ANI (@ANI) December 29, 2018
तुलसी सिलावट को लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, विजयलक्ष्मी साधौ को संस्कृति और चिकित्सा शिक्षा विभाग दिया गया है. मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है. 28 मंत्रियों में 9 सवर्ण, 8 ओबीसी, 4 एससी, 3 आदिवासी और अन्य समुदायों को भी जगह मिली है. इसमें 15 विधायकों को पहली बार मंत्री बनाया गया है. सरकार में 15 साल बाद मुस्लिम समुदाय के आरिफ अकील को प्रतिनिधित्व दिया गया है.
सरकार बनने के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर चल रही खींचतान ने यह साबित कर दिया है कि राज्य से बाहर रहकर सियासत करना और राज्य में सियासत करने में बड़ा फर्क होता है।
राज्य में कांग्रेस की डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी हो गई, कमलनाथ मुख्यमंत्री बने. एक सप्ताह से ज्यादा का समय मंत्रियों के चयन में लग गया, अब विभागों के बंटवारे के लिए तीन दिन से खींचतान मची है. कांग्रेस के नेता ही हमलावर हो चले हैं. कोई इस्तीफा दे रहा है तो कोई अपने ही नेताओं पर खुले तौर पर आरोप लगा रहा है.
धार जिले के बदनावर से विधायक राजवर्धन सिंह 'दत्तीगांव' ने सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हमला बोला है और कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री, पूर्व कैबिनेट मंत्री के परिवार के लोग मंत्री बन गए हैं, मगर मेरे परिवार से कोई बड़ा नेता नहीं रहा, इसलिए मंत्री नहीं बनाया गया. मैं अपना इस्तीफा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंप दूंगा, क्योंकि टिकट उन्होंने दिलाया था. मैं अपने पर किसी का एहसान नहीं रखता.
एक तरफ जहां कांग्रेस में चल रही खींचतान पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी है तो दूसरी ओर कमलनाथ के प्रबंधन हुनर पर सवाल उठ रहे हैं.