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मिर्ची किसान भारी दुविधा में, फसल अच्छी कीमतें कम

निमांड़ अंचल में मुख्य तौर पर मिर्ची की पैदावार होती है. इस साल भी अच्छी पैदावार हुई है मगर अच्छे दाम न मिलने से कारोबारी और किसान खुद को मुसीबत में पा रहे हैं.

Updated on: 10 Sep 2021, 02:01 PM

highlights

  • अच्छे दाम नहीं मिलने से मिर्च कारोबारियों को दिक्कत
  • किसानों की समस्या पर कमलनाथ ने लिखा सीएम को पत्र
  • एक जिला एक उत्पाद पर होने वाली बैठक में चर्चा संभव

खरगोन:

मध्य प्रदेश के निमांड़ अंचल में मुख्य तौर पर मिर्ची की पैदावार होती है. इस साल भी अच्छी पैदावार हुई है मगर अच्छे दाम न मिलने से कारोबारी और किसान खुद को मुसीबत में पा रहे हैं. यही कारण है कि वे चाहते हैं कि मिर्ची की ब्रांडिंग की जाए. इंदौर संभाग के खरगोन जिले में बुधवार को जिला और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बेड़िया कृषि उपज मंडी में स्थानीय मिर्च व्यापारियों के साथ बैठक की. बैठक का उद्देश्य स्थानीय मंडी से मिर्च का निर्यात करने की दिशा में उनकी जरूरत और खाद्य प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित करने के लिए व्यापारियों की राय लेना था. अब इस पर 'एक जिला एक उत्पाद' की आगामी बैठक में व्यापारियों की जरूरतों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा.

एक जिला एक उत्पाद पर जोर
उद्यानिकी के एसएसडीओ पर्वत बड़ोले ने बताया कि यहां के व्यापारी देश विदेश में मिर्च का व्यापार करना, निर्यात करना चाहते हैं. उनकी जरूरतों को ध्यान में रखकर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे. साथ ही 'एक जिला एक उत्पाद' की आगामी बैठक में व्यापारियों की जरूरतों पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा. बैठक में मिर्च व्यापारी अनीस अहमद ने कहा कि जैसे गुंटूर के व्यापारी विदेशों में मिर्च सप्लाई करते हैं. यह इस इलाके के किसानों के लिए कैसे संभव हो सकता है, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी जाए तो अच्छा रहेगा.

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कमलनाथ ने लिखा सीएम शिवराज को पत्र
बेड़िया के ही एक अन्य व्यापारी अजम खान ने सुझाव दिया कि मिर्च आधारित उद्योगों की कार्यविधि तथा निर्यात के कार्य व रूपरेखा जानने के लिए अन्यत्र विजिट कराया जाए तो सुविधा होगी. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें मिर्ची उत्पादकों की समस्या से अवगत करते हुए कहा है कि प्रदेश में मिर्च का उत्पादन अधिक होने के बावजूद उसके बाजार भाव अत्यंत कम हैं. प्रदेश के मिर्ची उत्पादक किसान भाइयों को राहत देने के लिए विशेष पैकेज अथवा भावांतर की राशि दी जाए.