साहूकारों से लिया गया आदिवासियों का कर्ज माफ, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया बड़ा एलान
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों को सौगात के तौर पर साहूकारों से लिए गए उनके कर्ज माफ करने की घोषणा.
नई दिल्ली:
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों को सौगात के तौर पर साहूकारों से लिए गए उनके कर्ज माफ करने की घोषणा. इसके साथ ही उन्होंने इस वर्ग के लोगों को डेबिट कार्ड देने का वादा किया, जिसके जरिए कार्डधारी 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे. विश्व आदिवासी दिवस पर स्थानीय पोलो ग्राउंड में शुक्रवार को आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह एलान किया है.
यह भी पढ़ें- ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद कांग्रेस के बड़े नेता सुरेश पचौरी ने किया Article 370 को हटाने का समर्थन
आदिवासियों द्वारा कर्ज के लिए जमीन, जेवरात गिरवी रखने का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, 'साहूकारों का आदिवासी विकासखंडों के आदिवासियों पर 15 अगस्त तक के जो कर्ज हैं, अब उसे लौटाना नहीं पड़ेगा. वे कर्ज माफ किए जाएंगे. अब जो भी व्यक्ति कर्ज देना चाहता है, उसे साहूकारी का लाइसेंस लेना होगा. यह लाभ उन आदिवासी परिवारों को मिलेगा, जो अनुसूचित क्षेत्र में निवासरत है. साथ ही जेवरात और जमीन को वापस दिलाने के प्रयास भी होंगे.'
• साहूकारों के पास आदिवासियों के गिरवी जमीन, ज़ेवर व समान लौटाना होंगे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 9, 2019
• अब जनजातीय कार्य विभाग अब आदिवासी विकास विभाग होगा।
• आदिवासी क्षेत्रों में 7 नये खेल
परिसर खोले जायेंगे।
•आदिवासी परिवार में जन्म लेने पर 50 क्विंटल अनाज मिलेगा।
• 40 नये एकलव्य स्कूल खोले जायेंगे
2/3
उन्होंने आगे कहा, 'आदिवासियों को अगर बगैर लाइसेंसधारी साहूकार ने कर्ज दिया तो वह गैर कानूनी होगा. आदिवासी परिवार में जन्म लेने पर 50 कुंटल अनाज मिलेगा और मृत्यु पर 100 किलोग्राम अनाज दिया जाएगा. भोजन के लिए बर्तन भी उपलब्ध कराए जाएंगे.'
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश के लोगों को बड़ा झटका, महंगी हुई बिजली, जानिए क्या हैं नई कीमतें
ज्ञात हो कि राज्य के 19 जिलों के 89 विकासखंड अधिसूचित क्षेत्र हैं, जहां आदिवासी निवास करते हैं. कमलनाथ ने कहा, 'इन अधिसूचित क्षेत्र के आदिवासियों को कर्ज लेने की जरूरत न पड़े, इसके लिए उन्हें डेबिट कार्ड दिए जाएंगे, जिसके जरिए वे जरूरत पड़ने पर 10 हजार रुपये तक की राशि हासिल कर सकेंगे. आदिवासियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए हाट-बाजारों में एटीएम व्यवस्था भी की जाएगी.'
इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जनजातीय कार्य विभाग का नाम बदलने का भी एलान किया. अब इस विभाग का नाम आदिवासी विकास विभाग होगा. उन्होंने आगे कहा, 'आदिवासी महापुरुषों शंकर शाह और रघुनाथ शाह की याद में जबलपुर में संग्रहालय व स्मारक बनाएंगे. वनग्राम की परंपरा खत्म कर राजस्व ग्राम कहलाएंगे.' इस मौके पर राज्य सरकार के मंत्री ओमकार सिंह मरकाम, सुखदेव पांसे, क्षेत्रीय सांसद नकुलनाथ सहित अनेक नेता मौजूद रहे.
• आदिवासी महापुरुषों की याद में जबलपुर में संग्रहालय व स्मारक बनायेंगे।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 9, 2019
• वनग्राम की परंपरा ख़त्म कर राजस्व ग्राम कहलाएगी।
• भोजन के लिये बर्तन भी उपलब्ध कराएँगे।
• हर हाट बाज़ार में ATM की सुविधा होगी।
3/3
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें