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यहां Free मिल रहे हैं फिल्म 'छपाक' और 'तानाजी' के टिकट, देखने में न करें देरी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के बाद कैंपस में जाने पर विवादों में दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को लेकर सियासी घमासान जारी है.

Updated on: 10 Jan 2020, 02:20 PM

भोपाल:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा के बाद कैंपस में जाने पर विवादों में दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को लेकर सियासी घमासान जारी है. जहां विपक्षी दलों ने खुलकर इस फिल्म का समर्थन किया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी भी आज रिलीज हुई फिल्म 'तानाजी' के समर्थन में उतरी है. मध्य प्रदेश में भी दोनों फिल्मों को लेकर जमकर राजनीति हो रही है. जहां बीजेपी कार्यकर्ता दीपिका की फिल्म छपाक का विरोध कर रहे हैं, जबकि विपक्षी दल फिल्म के पक्ष में माहौल बना रहे हैं.

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मध्य प्रदेश सरकार ने एसिड पीड़िता पर बनी फिल्म 'Chhapak' को पहले ही टैक्स फ्री कर दिया है. अब राजधानी भोपाल में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के कार्यकर्ता फिल्म के फ्री में टिकट बांट रहे हैं. इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एक्टर अजय देवगन की फिल्म 'Tanhaji' के टिकट फ्री में दे रहे हैं और सिनेमा हॉल के बाहर खड़े होकर फिल्म 'Chhapak' का विरोध कर रहे हैं. यहां दोनों फिल्मों के फ्री में टिकट मिलने की वजह से लोगों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. 

मध्य प्रदेश की हुजूर विधानसभा से विधायक और बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने दीपिका की फिल्म 'छपाक' की तरह फिल्म 'तानाजी' को भी टैक्स फ्री करने की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि हिन्दू हृदय सम्राट मराठाओं के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले बालासाहेब ठाकरे जी का अंश शिवसेना और उद्धव ठाकरे में है तो वह तानाजी फ़िल्म को मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में टैक्स फ्री करने की मांग कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी और कमलनाथ से करें और स्वयं तानाजी फ़िल्म को महाराष्ट्र में भी टैक्स फ्री करें.

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वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिल्मों और कलाकारों को दलों में, विचारधाराओं में बांटना और राजनीति से जोड़ना पूरी तरह से गलत परंपरा है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा पिछले कुछ वर्षों से प्रारंभ हुई है. कई फिल्में अच्छे सामाजिक संदेश के साथ और सामाजिक बदलाव के उद्देश्य के साथ बनती है. सीएम ने आगे कहा कि कलाकार भी एक इंसान, उन्हें भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आज़ादी है. उसके लिये उन्हें कोसना, उनका विरोध करना, उनके विरोध में बोलना कतई उचित नहीं. कमलनाथ ने कहा, 'विचारधारा के आधार पर एक फिल्म का सपोर्ट, एक का विरोध, यह हम देश को कहां ले जा रहे हैं?'