चंबल: सबसे बड़ी राखी होने का गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जानें क्या थीं शर्तें
दुनिया की पांच कंपनियों के प्रतिनिधि आज भिंड के मेहगांव ओर दुनिया की बिगेस्ट राखी का मेजरमेंट किया.
नई दिल्ली:
चंबल अंचल के भिंड जिले का नाम आज गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुका है. जिसका प्रमाण पत्र गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड के प्रतिनिधि लिया कर अशोक भारद्वाज को प्रदान किया. दरअसल समाजसेवी एवं भारतीय जनता पार्टी नेता अशोक भारद्वाज विश्व की सबसे बड़ी 25 फीट ऊंचाई और 1150 फीट लंबाई के आकार की राखी बनवा कर विश्व रिकॉर्ड कायम किया है. इसके लिए रक्षाबंधन के दूसरे दिन 31 अगस्त को गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, बर्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, ओएमजी बुक ऑफ रिकार्ड सहित, दुनिया की पांच कंपनियों के प्रतिनिधि आज भिंड के मेहगांव ओर दुनिया की बिगेस्ट राखी का मेजरमेंट किया.
मंच से दुनिया की सबसे बड़ी राखी होने के वर्ल्ड रिकॉर्ड की घोषणा करते हुए पांचो कंपनियों के प्रतिनिधियों ने, दुनिया की सबसे बड़ी राखी निर्माण करने वाले अशोक भारद्वाज को प्रमाण पत्र दिए. दुनिया की सबसे बड़ी राखी का प्रमाण पत्र देने वाले कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि किसी भी चीज को वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल करने के लिए लिए कई पैरामीटर का पालन करता होता है है. जिनमें सबसे पहले देखा जाता है कि यूनीक आइडिया हो, दूसरा मेजरेबल होना चाहिए यानी जिसकी नापतोल हो सके. तीसरा ब्रेक ब्रेकेबल होना चाहिए यानी जो कभी ना कभी तोड़ा जा सके, चौथा रिकॉर्ड सेफ्टिबल होना, यानी जिसमें किसी प्रकार का खतरा न हो, हालांकि राखी को बनाने के लिए एक दर्जन से अधिक कारीगर बाहर से बुलाए गए थे. इनके साथ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने 15 दिन की मेहनत कर राखी का निर्माण कराया. राखी का पहला सबसे बड़ा चक्र 25 फीट डायमीटर का था
उसके बाद घटते क्रम में राखी के कई चक्र बनाए गए और उन्हें कपड़ों द्वारा बनाई गई एक विशाल 1150 फीट की रस्सी को जोड़ते हुए दोनों ओर से मंच तक लाया गया और आखिर में राखी का धागा बांधकर उसे दंदरौआ धाम मंदिर महंत रामदास महाराज और अशोक भारद्वाज को मंच पर बहनों ने इस विशालकाय राखी के शिरों को बांध कर विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसके साथ ही अशोक भारद्वाज द्वारा इलाके की सभी बहनों को राखी बांधने के लिए आमंत्रित किया गया था. इसमें 20000 से अधिक बहनों ने कार्यक्रम में शामिल होकर हिस्सा लिया. आमंत्रित बहनों ने भारद्वाज को राखियां बांधी, इस विशाल राखी को एक प्रदर्शनी के रूप में जन्माष्टमी तक फार्म हाउस पर ही रखा जाएगा.
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