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मध्य प्रदेश में कृषि कानूनों को लेकर कोई भ्रम नहीं है: सीएम शिवराज सिंह चौहान

दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन का एक महीना पूरा हो गया है. इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बड़ा बयान दिया हैं. उन्होंने कहा कि 'मध्य प्रदेश में कृषि कानूनों को लेकर कोई भ्रम नहीं है.

Updated on: 26 Dec 2020, 01:56 PM

भोपाल:

दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन का एक महीना पूरा हो गया है. इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बड़ा बयान दिया हैं. उन्होंने कहा, 'मध्य प्रदेश में कृषि कानूनों को लेकर कोई भ्रम नहीं है, मध्य प्रदेश के किसान प्रधानमंत्री जी के साथ हैं। हम कांट्रैक्ट फार्मिंग में एक व्यवस्था कर रहे हैं कि किसान, कंपनी या व्यापारी को एक प्रोफॉर्मा देंगे.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'उस प्रोफॉर्मा को हम तैयार कर रहे हैं, प्रोफॉर्मा पर किसान, कंपनी या व्यापारी के हस्ताक्षर होंगे और प्रोफॉर्मा SDM के यहां जमा किया जाएगा। ताकि किसान के साथ कोई धोखा न हो सके.'

सीएम ने कहा कि एमपी में 3 कृषि कानून लागू कर दिए गए हैं और इस पर कोई भ्रम नहीं है. राज्य के सभी 313 ब्लॉकों में हम इन कानूनों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, जिससे हमारे किसान इसे बेहतर से समझ सके और जान पाएं कि कैसे ये कानून उन्हें लाभ पहुंचाएगा.

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक तरह दिल्ली की सीमाओं पर एक महीने से करीब 40 किसान संगठनों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. वहीं दूसरी ओर कानून का समर्थन करने वाले किसान संगठनों का रोज केंद्रीय कृषि मंत्री से मिलने का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को किसान सेना से पहले किसान मजदूर संघ, बागपत (उत्तर प्रदेश) के प्रतिनिधियों ने यहां कृषि भवन में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलकात की. दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने नए कृषि सुधारों को मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया.

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इस अवसर पर किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से एक स्वर में कहा कि कृषि सुधार कानून किसानों की दशा एवं दिशा बदलने वाले हैं और इन्हें किसी भी स्थिति में वापस नहीं लिया जाए. किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि जो विपक्षी दल लंबे समय तक सरकार में रहने के बावजूद किसानों के कल्याण और उनके सशक्तीकरण के लिए कोई भी महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर पाए वो आज सवाल उठा रहे हैं.